Rajasthan Solar Energy: ग्रामीण विद्युतीकरण और महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा कदम उठाए जा रहा है। दरअसल राजस्थान सरकार ने सोलर दीदी पहल की शुरुआत की है।  इस पहल का उद्देश्य बिजली से वंचित दूरदराज के गांवों और बस्तियों में सौर ऊर्जा को उपलब्ध कराना है। इस योजना के अंतर्गत पूरे राज्य में 25 हजार महिलाएं, जिन्हें सोलर दीदी कहा जाता है का चयन किया जा रहा है। 

सभी जिलों में व्यापक भागीदारी 

अब तक सबसे अधिक सोलर दीदी उदयपुर (1753) और जयपुर (1693) में नियुक्त की जाएंगी। यहां भौगोलिक और बुनियादी ढांचे की चुनौतियां काफी ज्यादा है। इसी के साथ जोधपुर (1673), बाड़मेर (1382), बीकानेर (1001) और भरतपुर (1127) में भी सोलर दीदी की नियुक्ति की जाएगी। 

कुल मिलाकर आठ जिलों में 1 हजार से ज्यादा महिलाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसी के साथ अजमेर, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और सीकर जैसे 14 जिलों में 500 से 1000 के बीच सोलर दीदी होंगी।

स्वयं सहायता समूहों के जरिए चयन 

आपको बता दें कि सिर्फ राजीविका से जुड़े महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य महिलाएं ही चयन के लिए पात्र हैं। इसी के साथ हर ग्राम पंचायत में कम से कम दो सोलर दीदी होंगी। इन महिलाओं को सोलर ऊर्जा उत्पादों को बेचने, स्थापित करने, संचालित करने और रखरखाव करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

आत्मनिर्भरता के लिए मानदेय और प्रशिक्षण 

हर सोलर दीदी की नियुक्ति 3 साल के लिए की जाएगी। इसके लिए उन्हें पहले वर्ष ₹2 हजार हर महीने का मानदेय मिलेगा। इसमें प्रशिक्षित महिलाओं को अपने-अपने क्षेत्र में सौर ऊर्जा आधारित उद्योग स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

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