Rajasthan Water ATM : पानी जीवन के लिए अनमोल है। खाने के बगैर तो लोग कुछ दिन गुजारा कर सकते हैं लेकिन पानी के बिना एक दिन भी गुजारा मुश्किल है। ऐसे ही राजस्थान के कई इलाके पेयजल की समस्या से ग्रस्त हैं। राज्य सरकार इस समस्या से निपटने के लिए कुछ शहरों की छोटी बस्तियों में वाटर एटीएम लगाने की योजना बना रही है। फिलहाल योजना की शुरुआत के लिए 14 जिलों की 85 बस्तियों को चुना गया है। ये बस्तियां अजमेर, खैरथल-तिजारा, जालोर, कोटा, राजसमंद, बूंदी, सिरोही, सीकर, उदयपुर, जयपुर, प्रतापगढ़ व चित्तौड़गढ़ जिले की हैं। इसमें सबसे ज्यादा बस्तियां कोटा जिले से हैं जहां पेयजल संकट अपेक्षाकृत अधिक है। भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में 2000 वाटर एटीएम लगवाने का संकल्प लिया था। इसके बाद के चरणों में दूसरे नगर निकायों की बस्तियों को इस योजना के लिए चुना जाएगा।
वर्तमान में पानी की स्थिति
राजस्थान के अनेक शहरों की छोटी बस्तियों में पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं है। ऐसे ही कई स्थानों पर लोग अस्थाई जरिए से पानी भरने के लिए धक्के खाते हैं। हालांकि कुछ स्थानों पर टैंकर से पीने का पानी पहुंचाया जाता है पर ऐसा नियमित रूप से नहीं होता जिसकी वजह से लोगों की परेशानी बढ़ जाती है।
जिले जहां लगेंगे वाटर एटीएम
राज्य के जिन जिलों में वाटर एटीएम लगाए जाने हैं उनमें कोटा जिले के 29, उदयपुर में 6, अज़मेर में 12, जालोर में 3, राजसमंद जिले में 11, खैरथल-तिजारा जिले में 5, बूंदी जिले में 3, कोटपूतली जिले में 5, सीकर जिले में 3, जयपुर में 3 व चित्तौड़गढ़ और प्रतापगढ़ जिले में 1-1 वाटर एटीएम लगाए जाने की योजना है।
जानिए क्या है वाटर एटीएम
दरअसल वाटर एटीएम एक वाटर कूलर की तरह ही मशीन है। इसे ऐसी जगहों पर स्थापित किया जाता है जहां साफ पानी मिलना बहुत मुश्किल होता है। ये स्थान हैं भीड़ वाले सार्वजनिक स्थान, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड तथा ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों की झुग्गी-बस्तियों वाली जगहें। इस तरह के वाटर एटीएम से पानी निकालने के लिए उपयोगकर्ता को मशीन में सिक्का डालना पड़ता है। जितना पानी चाहिए, उसके लिए एक तय राशि के अनुसार सिक्का डाला जाता है। इस वाटर एटीएम मशीन में पानी साफ करने वाली तकनीक का इस्तेमाल करके पानी को साफ करके पीने योग्य बनाया जाता है ताकि इस्तेमाल करने वालों को शुद्ध व साफ पानी मिल सके।