Child Labour: बाल मजदूरी के खिलाफ राजस्थान की भजनलाल सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अक्सर आपने देखा होगा चाय की टपरी पर, अखबार बेचने वाले, जूते पॉलिश करने वाले, इसके अलावा भी कई से कम हैं, जहां पर की छोटे बच्चों को झोंक दिया जाता है और उसकी जिंदगी बर्बाद कर दी जाती है। ऐसे बच्चे ना तो पढ़ाई कर पाते हैं, ना तो उनका सही से परवरिश हो पाता है और उनका बचपन पूरी तरह से छिन जाता है।

वाणिज्य संस्थान अध्यादेश 2025 को मंजूरी

ऐसे बच्चों पर बचपन में ही जिम्मेदारियां की बोझ उनके कंधों पर लाद दी जाती है। इसी के खिलाफ राजस्थान की भजनलाल सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है और 14 साल से कम उम्र के बच्चों के काम करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्यमंत्री ने इसको लेकर अध्यादेश को मंजूरी दे दी है, जिसके बाद अब बाल श्रम पर पूरी तरह रोक लगा दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने राजस्थान दुकान और वाणिज्य संस्थान अध्यादेश 2025 को मंजूरी दे दी है।

14-18 साल के किशोरों से रात में नहीं कराना होगा काम

सरकार के फैसले के बाद राज्य में श्रमिकों की सुरक्षा और बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में एक बड़ा और अहम कदम उठाया है। इस नियम का पालन सख्ती से करने के दिशा निर्देश भी दे दिए गए हैं। इस नए नियम के तहत 14 साल से कम उम्र के किसी भी बच्चों को किसी दुकान, वाणिज्य संस्थान या फिर कहीं भी काम करने के लिए नहीं रखा जा सकेगा। इसके अलावा संशोधित प्रावधानों के अनुसार अब 14 से 18 साल तक के किशोर को रात के समय उनसे काम नहीं कराया जा सकेगा।

ओवरटाइम की अधिकतम सीमा तय

पहले यह सीमा सिर्फ 12 साल से 15 साल तक थी, जिसे बढ़ाकर अब 14 साल से 18 साल कर दिया गया। सरकार के इस फैसले से बच्चों को शिक्षा और पोषण के बेहतर अवसर मिलेंगे। एक तरफ बच्चों के फेवर में कुछ बेहतर फैसले किए गए, तो दूसरी तरफ मजदूर को लेकर एक बुरी खबर भी है। अब फैक्ट्री में दैनिक कार्य को 9 घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे कर दिया गया है। इसके अलावा अगर कोई ओवरटाइम काम करना चाहते हैं, तो इसकी भी अधिकतम सीमा तय की गई है। वह तिमाही में 144 घंटे से अधिक ओवर टाइम काम नहीं कर सकेंगे।

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