Rajasthan Ghevar Dessert in Sawan: आपने घेवर का नाम तो सुना होगा, जो राजस्थान की पारंपरिक मिठाई है। जो केवल एक विशेष त्योहार पर ही राजस्थानियों के घरों में लाई जाती है। इसके साथ ही बता दें कि वैसे तो आज के समय सभी चीजें सभी मौसम में प्राप्त हो जाती हैं। उसी तरह घेवर भी आज देश हर राज्य तक पहुंच गया है, लेकिन राजस्थान के घेवर का स्वाद है, वो अन्य किसी राज्य में कहां। घेवर राजस्थान की पारंपरिक मिठाई है, जिसको सावन के समय सबसे अधिक खाया जाता है। सावन में घेवर को खाए जाने के पीछे अनोखी और दिलचस्प वजह है। 

घेवर राजस्थानियों के लिए भावना

राजस्थान की पारंपरिक मिठाई घेवर को सावन में खाए जाने का विशेष महत्व है। घेवर अन्य राज्यों के लिए केवल एक मिठाई है, लेकिन राजस्थानियों के लिए ये एक भावना है। जिस तरह त्योहार पर एक विशेष चीज का विशेष महत्व होता है, उसी तरह तीज और रक्षाबंधन पर घेवर का भी विशेष महत्व होता है। इन त्योहारों पर घेवर को लेकर राजस्थानियों की भावना भी जुड़ी हुई है।

घेवर के बिना अधूरा सिंजारा

राजस्थान में घेवर को प्यार का प्रतिक माना जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि सावन में बहनों को तीज के त्योहार पर सिंजारा भेजा जाता है। जिसमें सबसे मुख्य चीज घेवर होता है, घेवर के बिना सिंजारे को अधूरा माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योकि घेवर को राजस्थान में प्यार और एकता का प्रतीक माना जाता है।

क्यों खाते हैं सावन में घेवर

सावन का महिने में ही बारिश की शुरू होती है, जिससे मौसम में नमी बढ़ जाती है। हम सभी को पता ही है कि बारिश के समय खाने की चीजें जल्दी खराब हो जाती हैं। लेक‍िन घेवर ही एक ऐसी मिठाई है, जिसका स्वाद नमी होने से और अधिक बढ़ता है। इसी वजह से सावन में घेवर को बनाया जाता है और खाया जाता है।

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