Unique University Of Bikaner : भारत की संस्कृति हमेशा से अध्यात्म से जुड़ी रही है। यह परंपरा आज भी देखने को मिलती यू हैं। यह परंपरा आम जीवन में ही नहीं बल्कि विश्वविद्यालय में भी मौजूद है। भारत देश में तमाम विश्वविद्यालय विश्व स्तर पर विख्यात है। गुरुकुल परंपरा से लेकर आधुनिक विश्वविद्यालय के शिक्षा ने समाज को नई दिशा दी है। इस आधुनिक युग में एक ऐसा भी विश्वविद्यालय मौजूद है जो जो इस परंपरा को निभाए हुए है। राजस्थान के बीकानेर जिले में एक ऐसा विश्वविद्यालय मौजूद है। जहां के भावनाओं का नाम महापुरुषों और ऋषि मुनियों के नाम पर रखे गए हैं। इसके अलावा भी इस विश्वविद्यालय के रास्ते का नाम किसी न किसी नदी के नाम पर है। कुलपति सचिवालय का नाम महर्षि शौनक है। विश्वविद्यालय का नाम महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय है।
ऋषि मुनियों के नाम पर भवनों के नाम
विश्वविद्यालय के लाइब्रेरी का नाम महर्षि विश्वामित्र के नाम पर रखा गया है। तो परीक्षा भवन का नाम महर्षि भारद्वाज है। इतना ही नहीं पर्यावरण विभाग का नाम भी महर्षि कण्व भवन के नाम से है। लॉ डिपार्टमेंट को डॉ भीमराव अंबेडकर, राम मनोहर लोहिया के नाम से भी यहां भवन मौजूद है। महर्षि वशिष्ठ के नाम से भी भवन है।
विश्व के पहले कुलपति महर्षि शौनक
विश्व के पहले कुलपति का दर्जा महर्षि शौनक को मिला था। ऑडिटोरियम का नाम संत मीरा बाई है। इस यूनिवर्सिटी में 9 भवनों के नाम ऋषि और मुनियों तथा महापुरुषों के नाम पर रखा गया है। जो कि अपने आप में एक मिशाल पेश करता है। विश्वविद्यालय में भवनों का नाम ऋषि मुनियों और महापुरुषों के नाम पर इसलिए रखा गया है ताकि इसमें पढ़ने वाले विद्यार्थी उनसे प्रेरित हो और उनके बारे में जाने।
नदियों के नाम पर रखे गए है रास्तों के नाम
यहां पर नदियों के नाम पर कई रास्ता का नाम रखा गया है। सरस्वती पथ,नर्मदा पथ,कृष्णा और कावेरी पथ,भागीरथी और अलकनंदा पथ के नाम पर रास्तों के नाम है।
ये भी पढ़ें...Jaisalmer: राजस्थान की गोल्डन सिटी बन रही पर्यटकों का आकर्षण, जानिए कैसे करें ट्रिप प्लान