Bharatpur Education: भरतपुर के तुहिया में सरकारी स्कूलों की स्थिति ने अभिभावकों और छात्रों के बीच गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। आपको बता दें कि शैक्षणिक सत्र 1 जुलाई से शुरू हो चुका है और उसके बावजूद भी जिले भर के छात्र बिना उचित पाठ्य पुस्तकों के कक्षाओं में आ रहे हैं। कई बच्चों के पास प्रति विषय केवल एक या फिर दो किताबें ही हैं। आपको बता दें कि पहली से पांचवी कक्षा तक की कक्षाएं कथित तौर पर न्यूनतम संसाधनों के साथ ही चल रही है।
भीड़भाड़ वाली कक्षाएं और खराब बुनियादी ढांचा
आपको बता दें कि एक ही कमरे में कई कक्षाओं के बच्चे पढ़ रहे हैं। साथ ही यहां छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए केवल तीन बेंच ही है। इसी के साथ कक्षाओं में उचित रोशनी का भी अभाव है, पंखे धीरे-धीरे चलते हैं और बिजली की कोई भी व्यवस्था नहीं है।
जल और स्वच्छता संबंधित समस्याएं
पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी यहां पर नहीं है। यह सभी परेशानियां कर्मचारियों के बीच राजनीतिक कलह की वजह से उत्पन्न हो रही हैं। क्योंकि उनके आपसी मतभेद की वजह से कार्रवाई नहीं हो पा रही है। इसी के साथ सितंबर में परीक्षाएं निर्धारित है और सवाल यह उठ रहा है कि जब अधिकांश छात्रों को उनकी पाठ्य पुस्तकें भी नहीं मिली तो वह पेपर कैसे दे पाएंगे।
स्कूलों में चिंताजनक गतिविधियां
इतना ही नहीं बल्कि स्कूल परिसर के भीतर गतिविधियों के बारे में चिंताजनक रिपोर्ट सामने आई है। दरअसल स्कूल परिसर में ट्रैक्टर और गायों को रखा जा रहा है। इसके बाद सुरक्षा और अनुशासन से समझौता साफ नजर आ रहा है।
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