Sanskrit Education Department: देश भर में संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए कई तरीके अपनाए जा रहे हैं। उसी तरह राजस्थान में भी इस देश के धरोहर संस्कृत को बचाने के लिए और छात्रों के भीतर संस्कृत पढ़ने को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए कई कार्य किया जा रहे हैं। इस क्रम में राजस्थान के सीकर में संस्कृत शिक्षा विभाग में आने वाले सभी स्कूलों में अब किताबों के माध्यम से नहीं, बल्कि अभिनय कला के माध्यम से छात्रों को संस्कृत पढ़ाया जाएगा इसके अलावा इस विषय वस्तु में अनुच्छेद 370 को भी छात्रों को पढ़ने के लिए शामिल किया गया है। 

अभिनय कला के माध्यम से विषय को समझना होगा आसान

छात्र अनुच्छेद 370 के बारे में भी अभिनय कला के माध्यम से पढ़ सकेंगे। इससे न सिर्फ छात्रों में संस्कृत को लेकर जागरूकता बढ़ेगी, बल्कि एक विलुप्त हो रही भाषा को बचाए रखने के लिए अनोखा कदम भी साबित होगा। इसके साथ-साथ अभिनय कला के माध्यम से जटिल से जटिल विषय वस्तु को भी आसानी से समझा जा सकता है, ऐसे में संस्कृत भले ही कठिन विषय वस्तु है, लेकिन अभिनय कला के माध्यम से छात्र इसे भी बहुत आसानी से समझ सकेंगे।

मातृभाषा का भी होगा विकल्प

संस्कृत शिक्षा विभाग की स्कूलों में विद्यार्थी अभिनय के जरिए संस्कृत पढ़ेंगे। पाठ को आसानी से समझाने के लिए एसएसआइइआरटी ने संस्कृत के नए पाठ्‌यक्रम में प्राथमिक कक्षाओ के पाठ संवाद शैली में तैयार करवाए है। पहली बार रंगीन प्रस्तुतीकरण के साथ पुस्तकों में संस्कृत के शब्दार्थ हिंदी व अंग्रेजी में लिखे होने के साथ मातृभाषा का भी विकल्प रखा गया है। 

बहुभाषी बनने के दिशा में बढ़ेंगे विद्यार्थी

नए पाठों के साथ पढ़ाई में प्रोजेक्ट्स को भी प्राथमिकता दी गई है। ऐसे में संस्कृत आसानी से पढ़ने के साथ विद्यार्थी अब बहुभाषी बनने की दिशा में भी बढ़ेंगे। राजस्थान संस्कृत शिक्षा विभागीय शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष गजानंद शर्मा ने बताया कि तीन भाषाओं में शब्दार्थ, ब्राह्मी लिपी आदि नवाचार से अध्ययन विद्यार्थियों के लिए आसान व रोचक हो गया है। इसका निश्चित रूप से विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।

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कक्षा 7 की पुस्तक में कश्मीर का पाठ शामिल

नए पाठ्‌यक्रम के तहत संस्कृत शिक्षा के विद्यार्थी संविधान के अनुच्छेद 370 के बारे में भी पढ़ेंगे। इसके लिए कक्षा सात की संस्कृत की पुस्तक में पहली बार कश्मीर का पाठ शामिल किया गया है। इसमें कश्मीर से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों के साथ अनुच्छेद 370 हटाने का जिक्र किया गया है। देवी-देवताओं की फोटो के साथ ईश वंदना, संस्कृत कवियों व महापुरुषों के पाठ भी पहली बार पाठ्यक्रम में शामिल किए गए हैं।