Rajasthan Fair: राजस्थान में हर वर्ष कई मेलों का आयोजन किया जाता हैं। इन मेलों में भारी संख्या लोग शामिल होते हैं। इन्हीं में से एक है राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र का मल्लीनाथ पशु मेला, जिसे पिछले सात सौ सालों से आयोजित किया जा रहा है। इस मेले में ज्यादातर पशु मालिक अपने पशुओं के साथ मेले में आते हैं।
इस दौरान विभिन्न प्रकार के पशुओं को देखने दूर-दराज से भारी संख्या में लोग यहां आते हैं। यह मेला हर साल दस दिन के लिए आयोजित किया जाता है। इन दस दिनों में पूरे बाजार में चहल-पहल बनी रहती है। साथ ही मेले में ग्रामीण इलाकों व शहरों से लोग पशुओं की खरीदी भी करने आते हैं। इसके अलावा बर्तन, लाठी, तलवार, तिरपाल आदि की दुकानें भी लगाई जाती हैं।
दुनियाभर से आते हैं घोड़ों के शौकीन
इस मेले में ज्यादातर घोड़े प्रेमी आते हैं, जो यहां आकर कई प्रकार के घोड़ें खरीदते हैं। इनकी कीमत लाखों तक होती हैं। हर साल मार्च के महीने में इसकी शुरुआत होती और दस दिन तक चलने वाले इस मेले में घोड़ों का प्रदर्शन देखने हजारों लोग आते हैं।
औजार खरीदने भी आते हैं लोग
मेले में पशुपालक और खेती से जुडे लोग विभिन्न औजार खरीदने के लिए भी मेले में आते हैं। खेती से जुड़े औजार और उपकरणों की भी खूब बिक्री की जाती हैं। दुकानदारों ने बताया कि इस मेले में खेती से जुड़े लोगों को उनकी जरूरत की सारी चीजें एक ही जगह मिल जाती हैं, भले ही मेले में सामान थोड़ा महंगा मिलता है, लेकिन यहां की गुणवत्ता अच्छी होती है।
मल्लिनाथ जी को चढ़ाया जाता है प्रसाद
इस मेले को देखने आए लोग खरीदारी के अलावा ताजा भुने हुए चने लेना नहीं भूलते हैं। यहां आए लोग एक से दस किलो तक भुने हुए चने खरीदते हैं। बता दें कि भुने हुए चने को मल्लिनाथ जी का प्रसाद माना जाता है और इन्हें खरीदे बिना लोगों की खरीदारी अधूरी मानी जाती है। यहां आए श्रद्धालु मल्लिनाथ जी के मंदिर जाकर दर्शन करते हैं और उन्हें प्रसाद चढ़ाकर अपने परिवार की खुशहाली की कामना करते हैं।