Delhi Jaipur Highway: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक बड़ा फैसला सुनाया है। दरअसल अब खराब रखरखाव वाली सड़कों पर टोल की वसूली नहीं की जाएगी। लेकिन दिल्ली जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 48 की स्थिति कुछ अलग ही है। आपको बता दें कि शाहजहांपुर बॉर्डर और सोतानाला के बीच 35 किलोमीटर लंबे हिस्से पर वाहन चालक गढ्ढों, खाइयों, निर्माण सामग्री के ढेर और बाकी खतरनाक परिस्थितियों से गुजर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण टोल वसूली जारी रखे हुए हैं।
16 साल से अधूरा काम
आपको बता दें कि इस हिस्से का 6 लेन का विस्तार 2002 में शुरू हुआ था। जिसे 2011 तक पूरा हो जाना था। लेकिन 2014 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा 3 महीने के भीतर काम पूरा करने के निर्देश के बावजूद भी 16 साल से निर्माण कार्य अधूरा है। इसी बीच भूमि अधिग्रहण के लिए तीन चरणों में 184 करोड़ का मुआवजा भी दिया गया, लेकिन जल निकासी व्यवस्था, सर्विस लेन और यूटिलिटी लाइट शिफ्टिंग का काम कभी पूरा नहीं हुआ।
बढ़ती दुर्घटनाएं और रोजाना यातायात अव्यवस्था
जगुवास चौक, शेरपुर, गुंती, दही, औद्योगिक क्षेत्र, इंदिरा कॉलोनी क्रॉसिंग और सोतानाल जैसी जगह पर खतरनाक मोड़ दुर्घटनाओं का केंद्र बन चुका है। यहां पर लगातार स्थानीय निवासियों और यात्रियों द्वारा दुर्घटनाओं और बढ़ती मौतों की रिपोर्ट की जा रही है।
व्यापारी और ग्रामीण बुरी तरह से प्रभावित
3 साल से अंडर कंस्ट्रक्शन जगुवास फ्लावर ने व्यावसायिक गतिविधियों को काफी ज्यादा बाधित कर दिया है। इस वजह से जगुवास, मोहम्मदपुर, शेरपुर, नांगलिया, पहाड़ी और गोकलपुर जैसे नजदीकी गांव के लिए शहर तक पहुंचना काफी मुश्किल हो चुका है। इसी के साथ व्यापारियों ने भी भारी नुकसान की शिकायतें की है क्योंकि 2 किलोमीटर तक के चक्कर लगाने से ग्राहक बाजार जाने से कतरा रहे हैं। आपको बता दें कि इसी बीच एक दशक पहले ध्वस्त किए गए ढांचे अभी भी वीरान पड़े हैं।
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