Rajasthan Mahal: राजस्थान का डूंगरपुर शहर पूरे देश में स्वच्छता के लिए जाना जाता है। साथ ही यह शहर अपने शानदान व शाही भवनों के लिए भी प्रसिद्ध है। आज इस आर्टिकल में हम आपको शहर के उस महल के बारे में विस्तार से बताएगें जहां उस समय के राजा महाराजा अपने महल में आने जाने वाले लोगों पर खास ध्यान रखते थे। इस महल की खास बात यह है कि यह एक ही पिलर पर कई सदियों से खड़ा हुआ है। एक थम्बिया महल सैलानियों के घूमने की पहली पसंद मानी जाती है। 

एक ही पिलर पर खड़ा है तीन मंजिला महल 

एक थम्बिया महल की खासियत है कि यह तीन मंजिला महल केवल एक ही पिलर पर कई सालों से खड़ा हुई है। इस महल के अंदर आपको कई घुमावदार सीढ़ियां दिखाई देगी, जहां कई प्रकार की पेंटिंग व कलाकारी देखने को मिल जाएगी। जानकारी के लिए बता दें कि इस महल के निर्माण में भीलवाड़ा के खास पत्थरों का इस्तेमाल किया गया था। 

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राजा महाराजा रखते थे आने-जाने वालों पर नजर

एक थम्बिया महल के बारे में बताया जाता है कि उस समय राजा महाराजा इस महल के लिए सीसीटीवी कैमरे का कार्य करते थे। इसके अंदर एक छोटी सी खिड़की हुआ करती थी, जिसमें से राजा महल के गेट पर हमेशा नजर रखते थे। कहा जाता हैं कि जब भी रानी राजा के आने का इंतजार देखती थीं, तब वे महल की इसी खिड़की के बाहर देखती थी। राजा भी इसी झरोखे को खोलकर देखता था कि बाहर कौन आया। 

कब हुआ था महल का निर्माण?

जानकारी के मुताबिक इस महल का निर्माण साल 1860 में राजा महारावल फ़तेह सिंह ने कराया था। एक थंभिया महल को उदय विलास पैलेस के अंदर बनवाया गया था। खास बात यह है कि यह महल केवल एक पिलर पर ही बनवाया गया है। इसके अंदर कई छोटे-छोटे झरोखे बने हुए हैं जिनसे राजा महल के अंदर आने जाने वालों पर निगरानी रखते थे।