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Pali Tourism : गर्मी में पर्यटकों को आकर्षित करता है राजस्थान के पाली जिले में स्थित परशुराम महादेव मंदिर का शीतल और शांत वातावरण।

Pali Tourism : गर्मी में घूमने के लिए स्वर्ग है राजस्थान का परशुराम महादेव मंदिर। गर्मियों में पर्यटन के लिहाज से बेहतर जगह है अरावली पर्वतमाला में स्थापित परशुराम महादेव मंदिर जहां दिल बाग-बाग हो जाये। माना जाता है कि परशुराम महादेव मंदिर की स्थापना स्वयं भगवान् के छठे अवतार कहे जाने वाले परशुराम जी ने अपनी कुल्हाड़ी से की थी, और फिर यहीं पर बहुत समय तक शिव की तपस्या भी की थी। आप भी इस समय यहां आकर इस सुहाने पर्यटन का पूरा सौंदर्य स्वयं महसूस कर सकते हैं।

बादलों की गोद में बसा परशुराम महादेव मंदिर

अरावली पहाड़ियों की हरी-भरी छटाओं के बीच, पाली जिले से करीब सौ किलोमीटर दूर राजसमंद की सीमा पर स्थित परशुराम महादेव मंदिर को राजस्थान का अमरनाथ भी कहा जाता है। यह एक गुफा-मंदिर है। आजकल जब तपती धूप और गर्मी के बाद बारिश शुरू हो चुकी है, परशुराम महादेव मंदिर का वातावरण और भी खूबसूरत और खुशनुमा हो गया है। समुद्र-तल से 3995 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर तक पहुंचने में आपको पांच सौ सीढ़ियां चढ़नी होती हैं। अगर आपको पहाड़ियों पर चढ़ने में कोई दिक्कत है, तो आप कुंभलगढ़ से सादरी होते हुए मंदिर तक पहुंच सकते हैं। सादड़ी कस्बा मंदिर से महज चौदह किलोमीटर की दूरी पर है।

हरियाली भरा शीतल वातावरण 

परशुराम महादेव मंदिर अरावली पर्वत-श्रृंखला की हरियाली के बीच स्थित है। पहाड़ियों पर स्थित परशुराम महादेव मंदिर से नीचे की वादियों का नज़ारा बेहद लुभावना होता है। तपती राजस्थानी जमीन पर परशुराम महादेव मंदिर एक बेमिसाल मरुद्यान की तरह है, जहां हर साल देश-विदेश से अनगिनत पर्यटकों का आना होता है।

बढ़ रहा है पर्यटकों की दीवानगी

भीषण गर्मी के बाद जब मौसम करवट बदलता है, और बूंदाबांदी का दौर शुरू होता है, तो यहां पर्यटकों की संख्या विशेष रूप से बढ़ जाती है। अगस्त-सितंबर माह के दौरान यहां मेला भी लगता है। जबकि आजकल आसमान में छाई घटायें यहां के सौंदर्य में चार चांद लगा रही हैं। बता दें कि परशुराम महादेव मंदिर सूर्योदय से सूर्यास्त तक खुला रहता है, और यहां प्रवेश नि:शुल्क है। बस यहां जाते समय आपको यह ख्याल रखना है, कि रास्ते में बंदर भी मिल सकते हैं। इसलिए मंदिर को जाते समय खाने-पीने का सामान लटका कर न ले जायें। हालांकि बंदरों से आंख न मिलाइए तो वे अमूमन तंग नहीं करते। 

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