Rajasthan Museum: राजस्थान के कोटा शहर में स्थित राजकीय म्यूजियम इतिहासकारों व प्राचीन चीजों में सूची रखने वालों के लिए बेस्ट जगह है। यहां प्राचीन समय के औजार जैसे तलवालें, धनुष बाण, विभिन्न प्रकार की बंदूकें मौजूद है। यहां आपको रियासत काल के राजा महाराजाओं के शाही वस्त्र से लेकर ताम्रपत्र व पत्रावली पर इस्तेमाल होने वाली मोहरे भी देखने को मिल जाएंगी।
औजारों को देखकर मिलती है जानकारी
यहां आदिमानव से लेकर कोटा के शासकों तक से जुड़े विभिन्न औजारें मौजूद हैं। इन हथियारों को देखकर उस समय के लोगों के बारें में कई जानकारी मिलती हैं। इन्हें देखकर लगता हैं उस समय के लोग नदी व चट्टानों को काटकर अपना आश्रय बनाया करते थे। साथ ही कला-कौशल से पत्थरों से औजार का निर्माण करते थे। इनकी मदद से जंगल के जानवरों से अपनी रक्षा कर उन्हें मारकर अपना खाना तैयार करते थे। इस म्यूजियम में लोहे से बने कई हथियार जैसे बाण, तलवार, खंजर, कटार आदि चीजें देखने को मिल जाएंगी।
शासकों के शस्त्र भी किए गए हैं प्रदर्शित
संग्रहालय के अधीक्षक उमराव सिंह ने जानकारी दी कि म्यूजियम में मध्ययुगीन के शासकों द्वारा उपयोग किए गए अस्त्र-शस्त्र भी यहां प्रदर्शित किए गए हैं। इसमें तलवारें, ढालें, नेजे, फरसा, पेशकब्ज, कारण, पिस्तौल, भालें आदि चीजें दर्शनीय हैं। 1720 ईं. में मुगल बादशाह मुहम्मद शाह ने कोटा के शासक महाराव भीमसिंह (प्रथम) को उनकी सेवाओं के लिए सोने का राजकीय चिन्ह भेंट किया था, यह भी इस म्यूजियम में देखा जा सकता है।
औजारों को देखने आते हैं हजारों लोग
संग्रहालय अधीक्षक उमराव सिंह ने बताया कि कोटा घूमने आए सैलानी यहां आकर इन औजारों को देखने और इनके बारें में जानकारी जुटाने आते हैं। देश विदेश से हजारों लोग म्यूजियम घूमने आते हैं। यहां युद्ध के समय राजा महाराजाओं द्वारा पहने जाने वाले जिरहबख्तर भी रखे गए हैं। साथ ही मुगल बादशाहों और पॉलिटिकल एजेंटों के पत्रों पर इस्तेमाल होने वाली मोहरों को भी यहां प्रदर्शित किया गया है।

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