Indian Railway News: रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा बड़ा कदम उठाया गया है। मार्च 2026 तक वीआईपी कल्चर पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। इसके तहत यात्रियों के लिए अलग-अलग प्रोटोकोल और खास व्यवस्थाओं को खत्म किया जाएगा। जिससे सभी को एक समान सुविधा मिल सकेगी। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इस फैसले से स्टेशनों और ट्रेनों में गैर जरूरी विशेष अधिकारों पर रोक लगेगी।यात्रियों के साथ अधिकारियों और वीआईपी मूवमेंट के दौरान होने वाली सुविधाओं को भी कम किया जाएगा। ऐसे में ट्रेनों के परिचालन और स्टेशन प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी। साथ ही गुलामी की मानसिकता खत्म करने और उपनिवेशवाद के समय की प्रथाओं से दूर जाने के लिए यह फैसला लिया जा रहा है।
सलून कोच अब यात्री कोच में बदले जा रहे
वहीं रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अब तक रेलवे अधिकारी इंस्पेक्शन के नाम पर सलून कोच यानी वीआईपी कोच को यूज करते थे। जिस पर अब रोक लगा दी गई है। सलून कोच अब यात्री कोच में बदले जा रहे हैं। रेलवे बोर्ड प्रबंधक के दफ्तर या स्टेशनों पर वीआईपी आगमन पर वरिष्ठ अधिकारियों के स्वागत में खड़े रहना भी खत्म हो जाएगा।
टिकट कंफर्म करने के लिए कोट के प्रावधान भी बदले जा रहे
वेटिंग टिकट कंफर्म करने के लिए कोट के प्रावधान भी बदले जा रहे हैं। वहीं इमरजेंसी सिचुएशन के लिए कोटा रहेगा, लेकिन इसमें प्रायोरिटी पद और प्रभाव की जगह जरूरत होगी। इसके साथ ही आपको बता दें कि जूनियर कर्मचारी अफसर के घरों पर जूनियर कर्मचारी भी अब तैनात नहीं होंगे। इससे 30000 से ज्यादा कर्मचारी अपने मूल काम पर लौटने लगे हैं। रेलवे का यह कदम यात्रियों के बीच समानता और सुविधा को प्राथमिकता देने की दिशा में अहम पहल मानी जा रही है।










