Jhalawar Ujjain Track: झालावाड़ और उज्जैन के बीच सीधी रेल लाइन की लंबे समय से चली आ रही मांग को आखिरकार पूरा किया जा रहा है। दरअसल नई रेलवे ट्रैक के संरेखण काम को मंजूरी मिल गई है। सर्वेक्षण रिपोर्ट के पूरा होने के बाद उसे रेलवे बोर्ड को भेजा जाएगा।
उज्जैन के लिए छोटा और गतिशील मार्ग
फिलहाल कोटा से उज्जैन जाने वाला रेल मार्ग नागदा से होकर गुजरता है। यह रेल मार्ग 283 किलोमीटर की दूरी को तय करता है। प्रस्तावित झालावाड़ उज्जैन रेल लाइन के बाद यह दूरी घटकर मात्र 247 किलोमीटर की हो जाएगी। इसके बाद यात्रियों का 36 किलोमीटर का सफर कम हो जाएगा। इस कदम के बाद यात्रियों का समय बचेगा और कनेक्टिविटी भी काफी ज्यादा बेहतर होगी।
रेल मंत्रालय ने डीपीआर के लिए धनराशि की आवंटित
वरिष्ठ उप महाप्रबंधक सौरभ जैन के मुताबिक रेल मंत्रालय द्वारा नई रेल लाइन की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए लगभग 5 करोड़ स्वीकृत कर दिए गए हैं। इस पहल के बाद बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी और कोटा से झालावाड़ तक मेमो और पैसेंजर ट्रेनों के सुचारू संचालन की सुविधा भी मिलेगी।
महाकाल मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए फायदेमंद
मध्य प्रदेश में उज्जैन महाकाल एक काफी आध्यात्मिक स्थल है। यहां पर राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र खासकर झालावाड़, बारां, बूंदी और कोटा से हजारों तीर्थ यात्री दर्शन करने जाते हैं। अभी तक राजस्थान से कोई सीधी रेल सेवा उपलब्ध नहीं थी। इस वजह से ज्यादातर लोगों को उज्जैन पहुंचने के लिए सड़क परिवहन पर निर्भर रहना पड़ता था।
अब इस रेल लाइन के बाद रेल यातायात की भीड़ कम होगी और नए माल वाहक मार्ग बनेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि दक्षिणी राजस्थान और पश्चिम मध्य प्रदेश के बीच कनेक्टिविटी भी मजबूत होगी, जिससे व्यापार, पर्यटन और क्षेत्र विकास में बढ़ोतरी मिलेगी।
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