Hindu Fasting Rituals: हरतालिका तीज का व्रत सुहागन महिलाओं के द्वारा रखा जाता है। इस व्रत को सबसे अधिक राजस्थान और पड़ोसी राज्यों की महिलाएं रखती हैं। बता दें कि जिस तरह से करवा चौथा व्रत का महत्व होता है ठीक उसी तरह हरतालिका तीज व्रत का भी है। इस व्रत सच्चे मन और पूरी आस्था के साथ रखा जाता है। साथ ही निर्जला भी रहते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल हरितालिका तीज का व्रत 26 अगस्त को रखा जाएगा।
क्यों रखती हैं हरतालिका का व्रत
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हरतालिका तीज व्रत का विशेष महत्व है। इस व्रत को सुहागन महिलाएं अपने पति की दीर्घ आयु के लिए रखती हैं। साथ ही अच्छे वैवाहिक जीवन जीने की कामना करती हैं।
व्रत को लेकर क्या है पौराणिक मान्यता
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हरतालिका तीज का व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने किया था। ताकी उन्हें भगवान शिव पति के रूप में प्राप्त हो सके। माहरतालिका तीज का व्रत ता पार्वती और भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। मान्यता है कि जो भी सुहागन महिलाएं इस व्रत को रखती हैं उनका वैवाहिक जीवन सुखी से व्यतीत होता है। इसके साथ ही उन्हें माता पार्वती और भगवान शिव का आशीर्वाद मिल सकें।
हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि
इस व्रत में मां पार्वती और महादेव की पूजा विशेष फलदायी होती हैं। इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करें। साथ इस व्रत की पूजा दो या अधिक महिलाओं के साथ मिलकर करें या फिर महादेव के मंदिर में भी कर सकते हैं। इस व्रत की पूजा सुबह और शाम करने का विशेष महत्व है, खासकर शाम की पूजा का अधिक महत्व है।
इस व्रत में महादेव को पुष्प और सफेद रंग का कपड़ा अर्पित करना चाहिए। वहीं पार्वती के चरणों में श्रृंगार का सामान अर्पित करें। इस दिन रात्रि को महादेव और मां पार्वती के भजनों का गाया जाता है। इसके साथ ही अगले दिन सुबह मंदिर में कुछ दान करके ही अपना व्रत को खोले।
इसे भी पढ़ें:- Haryali Teej Vrat 2025: हरियाली तीज पर इन नियमों को तोड़ा, तो घर में आ सकती है बड़ी अनहोनी