Pandavas Secret Place : महाभारत काल में कौरवों ने अपने मामा शकुनि की चालबाजी से पांडवों को जुएं में हराया। इसके परिणामस्वरूप, तय शर्तों के अनुसार, पांडवों को बारह वर्षों का वनवास और उसके बाद एक वर्ष का अज्ञातवास भोगना पड़ा। अज्ञातवास के दौरान उन्हें छिपे ही रहना था, और पता चल जाने पर फिर एक बार बारह वर्ष का वनवास और एक साल अज्ञातवास के भोगने पड़ते। इसी अज्ञातवास के ऐसे कठिन समय में पांडवों को शरण दी राजस्थानी भूमि के महाराजा विराट ने। जो तत्कालीन ‘मत्स्य देश’ के सम्राट हुआ करते थे।
विराटनगर एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पर्यटन केंद्र –
महाभारत में मत्स्य देश के राजा विराट के नाम पर नामांकित राजस्थान का विराटनगर जयपुर से 85 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यहां मनोरम अरावली पर्वतमाला के बीच ऐतिहासिक पंच-खंड पर्वत पर एक भव्य बारह मुखों वाला शिवलिंग स्थित है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसे पांडवों ने स्थापित किया था। इसके अतिरिक्त, यहां भीम-हिडिंबा मंदिर और भीम तालाब पर्यटकों को विशेष रूप से आकर्षित करते हैं।
पंच-खंड पर्वत पर कीचक वध की पौराणिक गाथा
कहते हैं, राजा विराट ने तो पांडवों को अज्ञातवास में सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से उनकी पूरी मदद की, पर उनके साले कीचक ने द्रौपदी को कुदृष्टि से देखना शुरू कर दिया। वह द्रौपदी को जब काफी तंग करने लगा, तो द्रौपदी ने भीम के कहने पर चल से कीचक को इसी पंच-खंड पर्वत पर बुलाया और उसके आते ही भीम ने उसका यहीं पर वध किया था।
भीमताल के पीछे कथा है कि एक बार द्रौपदी को बहुत प्यास लगी थी, तो भीम ने जमीन पर लात मारी और एक गड्ढा बन गया, जिसमें निर्मल जल था। यही जगह अब भीमतालाब के नाम से जानी जाती है।
विराटनगर में बौद्ध और जैन पर्यटन स्थल –
विराटनगर के इसी क्षेत्र में बौद्ध और जैन दर्शन व परंपरा से जुड़ी चीजें भी मौजूद हैं। यहां एक चट्टान पर बौद्ध दर्शन से संबंधित शिलालेख है, जिसे भाबरू बैराठ कहते हैं। भाबरू बैराठ शिलालेख पाली के साथ ही ब्राह्मी लिपि में भी उपलब्ध है।
इसके निकट ही एक जैन मंदिर है। इसके अलावा यहां पर आपको अकबर की छतरी भी दिखती है, जहां शिकार खेलने के दौरान शहंशाह अकबर विश्राम के लिए आता था।