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Nag panchami: नाग पंचमी के दिन भक्त अगर नाग देवता की पूजा करते हैं तो उन्हें कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है और पापों से छुटकारा मिलता है।

Nag panchami: हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस पूरे महीने लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं, व्रत रखते हैं और मंदिरों में दर्शन करने जाते हैं। इसी महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी का त्यौहार आता है। इस दिन शिव के प्रिय नाग देवता की पूजा की जाती है।

ऐसी मान्यता है कि नागपंचमी के दिन यदि भोलेनाथ की भी पूजा अर्चना पूरी श्रद्धा से की जाए तो भोले बाबा अपने भक्तों का दुख दूर कर उनकी मनोकामना पूरी करते हैं। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि नाग देवता को भगवान शिव का दूत कहते हैं और वो संदेशवाहक की तरह शिव तक भक्तों की गुहार पहुंचाते हैं।

नाग पंचमी के विशेष दिन भोलेनाथ को करें प्रसन्न

नाग पंचमी के दिन श्रद्धालु बड़े ही श्रद्धा से नाग देवता की पूजा करते हैं। साथ ही शिवलिंग पर भी जल व दूध से अभिषेक करते हैं। इस दिन नाग देवता को दूध पिलाने की भी मान्यता है। इस पूजा को करने से कालसर्प के दोष से मुक्ति मिलती है। जो व्यक्ति इससे पीड़ित है उसके लिए यह दिन बेहद ही लाभकारी मानी जाती है। कहा जाता है कि जो भी भक्त इस दिन पूजा करते हैं उसे पापों से मुक्ति मिलती है। भविष्य में आने वाले संकट दूर होते हैं।

नाग पंचमी के दिन शिव आराधना

नाग पंचमी के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा विधि विधान से करनी चाहिए। साथ ही शिवलिंग पर दूध से अभिषेक अवश्य करें। भगवान शिव की खास 16 तरीके से पूजा करना चाहिए। जिसमें पुष्प, धूप, दीप, आभूषण, गंध, आचमन, स्नान, वस्त्र, नैवेद्य, ताम्बूल, स्तवन पाठ, पाद्य, अर्ध्य, उपवस्त्र , तर्पण एवं नमस्कार सम्मिलित हैं। 

नाग पंचमी के दिन यह करना हैं वर्जित 

नाग पंचमी के दिन जमीन की खुदाई नहीं करनी चाहिए। इस दिन नागों को परेशान नहीं करना चाहिए। लोहे के बर्तन में प्रसाद बनाने की मनाही है साथ ही दूध को बर्बाद न करें।

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