kaal Sarp Dosh Upay: सनातन धर्म में कई ऐसे शास्त्र हैं, जिनका अलग-अलग महत्व है। जी हां उन्हीं शास्त्रों में से एक ज्योतिष शास्त्र है। इस शास्त्र का महत्व बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रह एक विशेष स्थिति में होते हैं, तो काल सर्प योग बनता है। जब काल सर्प योग बनता है, तो जातक की कुंडली में काल सर्प दोष लगता है।
काल सर्प दोष को कुंडली का सबसे खतरनाक दोष माना गया है साथ ही साथ यह बहुत ही अशुभ भी होता है। कुंडली में काल सर्प दोष होने पर व्यक्ति के जीवन में तरह-तरह की परेशानियां आती रहती हैं और व्यक्ति का जीवन संघर्ष से भरा रहता है। आइए जानते हैं इस दोष के लक्षण और उपाय।
कुंडली में काल सर्प दोष कैसे बनता है?
शास्त्रों के अनुसार, जब कुंडली में राहु और केतु एक तरफ मौजूद होते हैं और बाकी सभी ग्रह उनके बीच में स्थित होते हैं, तो काल सर्प योग या दोष बनता है। ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों की कुंडली में ऐसी स्थिति बनती है, उन्हें जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन लोगों को सफलता मिलने में समय लगता है। इस योग के कारण कई लोगों के जीवन में अशांति रहती है।
ये हैं कालसर्प दोष के लक्षण
1. सपने में बार-बार मरे हुए लोगों को देखना या सपने में सांप देखना।
2. सपने में ऐसा महसूस होना कि कोई आपका गला दबा रहा है।
3. साथ ही लगातार मानसिक तनाव और अकेलापन महसूस होना।
4. व्यापार में बार-बार घाटा होना और नौकरी में संघर्ष का सामना करना।
5. नींद में बार-बार जागना या सपने में लड़ाई-झगड़ा होना।
6. साथ ही वैवाहिक जीवन में तनाव और जीवनसाथी से विवाद होना। अगर व्यक्ति को ऐसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो यह कालसर्प दोष हो सकता है।
जानिए कालसर्प दोष के उपाय
1. ज्योतिष के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है, उन्हें नियमित रूप से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
2. वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए शनिवार के दिन किसी बहते पानी में कोयले के टुकड़े को प्रवाहित कर सकते हैं। ऐसा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है।
3. कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए बहते जल में मसूर की दाल और साबुत नारियल प्रवाहित करें, लाभ होगा।
4. कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए सावन के महीने में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना और नियमित रूप से भगवान शिव की मूर्ति पर दूध मिले जल की पतली धारा चढ़ाना लाभकारी माना जाता है। इन उपायों से कालसर्प दोष शांत होता है।
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