Eye Care Rajasthan: जयपुर के सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल में नेत्र रोगियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। कॉर्निया की खराबी की वजह से अंधेरे में जी रहे लोगों के जीवन में उजाला लाने के लिए एसएमएस में जल्द ही आई बैंक खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। आई बैंक शुरू होने के बाद कॉर्निया को 15 दिन तक सुरक्षित रखा जा सकेगा, जिससे कॉर्निया प्रत्यारोपण की प्रक्रिया और अधिक प्रभावी हो जाएगी। ह्युमन ऑर्गन ट्रांसप्लांट एक्ट के तहत पंजीकरण रिकॉर्ड और निर्धारित गाइडलाइन के मुताबिक कॉर्नियल ट्रांसप्लांट किया जाएगा।
टेक्नीशियन एक्सपर्ट की कमेटी का गठन भी किया गया
आपको बता दें कि आने वाले 3 महीना में कॉर्निया रिट्राइवल से लेकर प्रोसेसिंग और संरक्षण जैसे काम एसएमएस का खुद का आई बैंक करेगा। इसके लिए चरक भवन की दूसरी मंजिल को चुना गया है। यहां तक कि लेमिनार फ्लो हुड स्पेक्युलर, ऑपरेटिंग, माइक्रोस्कोप और आधुनिक मशीन उपकरणों की खरीदारी भी शुरू हो चुकी है। वहीं टेक्नीशियन एक्सपर्ट की कमेटी का गठन भी किया जा चुका है।
नेत्र रोगियों को नई रोशनी मिलने की उम्मीद
नेशनल मेडिकल कमिशन नई दिल्ली की गाइडलाइन में पीजी कोर्सेज संचालित करने वाले संस्थान में आई बैंक होने से न केवल नेत्रदान करने वालों को बल्कि छात्रों को भी फायदा मिलेगा। अभी तक आई बैंक सोसायटी आफ राजस्थान ही कॉर्निया कलेक्शन से लेकर प्रोसेसिंग का काम कर रही है। ई व्यवस्था से न सिर्फ प्रतीक्षा अवधि कम होगी, बल्कि अंधत्व से जूझ रहे मरीजों को नई रोशनी मिलने की उम्मीद भी बढ़ेगी। ऐसे में एसएमएस अस्पताल का यह कदम राजस्थान में नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी मजबूती मिलेगी।