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Rajasthan Sex Ratio: लिंगानुपात के मामले में राजस्थान की स्थिति काफी खराब है, यहां अभी भी लोग बेटों को अधिक चाहते हैं। यही कारण है कि राजस्थान में प्रति 1000 बेटों पर बेटियों की संख्या सिर्फ 891 है।

Rajasthan Sex Ratio: महिला-पुरुष अनुपात में राजस्थान काफी पीछे है। हम बात महिला सशक्तिकरण और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की तो करते हैं, बावजूद इसके राजस्थान में पुरुष-महिला लिंगानुपात में काफी अंतर दिख रहा है। बता दें कि राजस्थान में 1,000 लड़कों पर सिर्फ 891 लड़कियों का जन्म हो रहा है। शहर में तो या आंकड़े फिर भी ठीक है, शहर में प्रति 1000 बेटों पर बेटियों के जन्म के आंकड़े 940 है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में तो सिर्फ 879 है। 

सबसे कम जालौर का है लिंगानुपात 

बताते चलें कि राजस्थान में भी सबसे चिंताजनक स्थिति जालौर जिले की है, जहां 1000 बेटों के मुकाबले सिर्फ 769 बेटियां जन्म ले रही हैं। वहीं बूंदी में बेटियों की संख्या 803 है, जबकि उदयपुर में 833 है, जो कि तीसरे स्थान पर आता है। वहीं बात अगर अलवर की करें, तो यहां बेटों के मुकाबले बेटियों की संख्या 127 अधिक है। यहां प्रति 1000 बेटों पर बेटियों की संख्या 1,127 है। वहीं बारां में 1070 जबकि जयपुर में 915 बेटियां बेटों के मुकाबले जन्म ले रही हैं।

देखें देश में लिंगानुपात की स्थिति

हमारे देश भारत में लिंगानुपात का औसत 929 है, जबकि लक्षद्वीप 1051 के साथ प्रथम स्थान पर विराजमान है। दादर नगर हवेली और दमन व दीप 877 के साथ सबसे निचले स्तर पर आता है। राष्ट्रीय स्तर पर बात करें तो शहरी क्षेत्र में बेटों के मुकाबले 924 बेटियां जन्म ले रही हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 931 बेटियां जन्म ले रही हैं। 

विवाह के लिए कम पड़ जाएगी महिलाएं 

देश में जिस तरह लिंगानुपात बढ़ता जा रहा है, इससे पुरुषों की बढ़ती संख्या विवाह के लिए महिलाओं की कमी को जन्म दे सकती है। यह अपने आप में चिंता का विषय है, क्योंकि अगर ऐसी स्थिति बनती है, तो सामाजिक तनाव, महिलाओं पर अत्याचार और अपराध बढ़ सकते हैं। यही कारण है कि जब बच्चा पेट में होता है, तो वह बेटा है या बेटी इसका जांच करवाना अवैध कर दिया गया है।

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