राजस्थान पंचायती चुनाव: राजस्थान में पंचायतीराज चुनाव की तारीख तय होने में थोड़ा वक्त लग सकता है, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग अपनी तरफ से तैयारी पुख्ता कर रहा है. इसी कड़ी में आयोग ने मतदान दल गठित करने के साथ ही वोटर्स की पहचान भी सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दे दिए हैं। आयोग ने निर्देश दिए हैं कि पर्दानशीन महिला मतदाताओं की भी पहचान सुनिश्चित की जाएगी।
इस संबंध में जारी आदेश में लिखा है कि पर्दानशीन महिला मतदाताओं की पहचान के लिए पीठासीन अधिकारी स्थानीय महिला कर्मचारी की मदद ले सकते हैं। आयोग ने 14 बिंदुओं के आदेश में मतदान दल गठित करने की जिम्मेदारी जिला निर्वाचन अधिकारी को दी है। इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयुक्त राजेश्वर सिंह ने कहा कि यह नियमित प्रक्रिया है, इससे निर्वाचन प्रक्रिया निष्पक्ष एवं पारदर्शी रहेगी।
राज्य चुनाव आयोग के जरूरी दिशा-निर्देश जारी
पंचायतीराज चुनाव की तैयारी शुरू होने के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। चीफ इलेक्शन ऑफिसर और सेक्रेटरी राजेश वर्मा ने बताया कि मतदान के दौरान पर्दानशीन महिला मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित की जाएगी। पोलिंग टीम पर्दा हटाकर वोटर की पहचान और पुष्टि के लिए स्थानीय महिला कर्मचारी की मदद ले सकते हैं।
फर्जी मतदान पर कसेगी नकल
दरअसल, इसके पीछे मकसद यह है कि कोई फर्जी मतदान न हो। इसके लिए आयोग फोटो युक्त वोटर लिस्ट से वोटर आईडी कार्ड और मतदाता की फोटो मिलान करने की तैयारी रखने को कहा है। हालांकि इसके ठीक ऊपर की लाइन में एक निर्देश यह भी है कि यथासंभव महिला कर्मचारियों को मतदान दल में नहीं लगाया जाए।
राज्य निर्वाचन आयुक्त राजेश्वर सिंह का कहना था, "फर्जी मतदान रोकने के लिए एहतियातन यह निर्देश जारी किए गए हैं। पहले भी इस तरह के निर्देश जारी किए जाते रहे हैं."
सवाल- महिला कर्मचारी के अभाव में पहचान कैसे?
राजेश्वर सिंह ने कहा कि आमतौर पर मतदान केंद्रों पर BLO के रूप में स्थानीय महिला कर्मचारियों की ड्यूटी रहती है। पीठासीन अधिकारी ऐसी महिला कर्मचारियों की मदद ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट में जिस मतदाता का नाम और फोटो है, उसका मिलान कर फर्जी वोटर रोकना सुनिश्चित किया जाएगा।
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