Rajasthan News: राजस्थान में लगातार अवैध खनन और अतिक्रमण के मामले देखने को मिल रहे हैं। राजस्थान सरकार के द्वारा भी भूमि माफिया के खिलाफ सख्त कदम भी उठाए जा रहे हैं, लेकिन इसका इतना प्रभाव देखने को नहीं मिल रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये अवैध खनन और अतिक्रमण इतना ज्यादा संख्या में हो रहा है। जिसको कम करने में सरकार को सख्त से सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है। इसके साथ ही इससे से जुड़े माफिया के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी। तब जाकर शायद भूमि के अतिक्रमण को और साथ अवैध खनन को रोका जा सके।
बढ़ता अतिक्रमण और अवैध खनन
राजस्थान में माफिया की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। इन माफियाओं को लेकर भजनलाल सरकार के द्वारा भी कार्रवाई की जा रही है, जिसका कोई स्पष्ट समाधान नहीं निकल पा रहा है। जिसकी वजह से माफिया का साहस बढ़ता जा रहा है और इनके द्वारा वन की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। सरकार के निर्देश दिए जाने के बावजूद भी अतिक्रमण और अवैध खनन पर रोक नहीं लग रही है।
रिपोर्ट के अनुसार वनों की सीमाओं और पहाड़ों पर कब्जा
बता दें कि राजस्थान में वन विभाग के द्वारा हाल ही में इसको लेकर एक रिपोर्ट के जारी की गई थी। जिसमें बताया गया है कि राजस्थान के बारां जिले 7143 अतिक्रमण दर्ज किए गए है। रिपोर्ट के अनुसार सवाई माधोपुर में कुल 114 अतिक्रमण दर्ज हुए है, जिसमें 108 अतिक्रमण रणथम्भौर सीमा पर हैं।
वहीं अलवर, जयपुर और बूंदी की सीमाओं पर वन्य जीव संरक्षित क्षेत्र में भी अवैध कब्जे किए गए हैं। बता दें कि अजमेर और जोधपुर के वन विभाग की पहाड़ियों तक को माफियाओं ने कब्जा कर लिया है। वहीं जोधपुर में 128 अतिक्रमण मंडोर क्षेत्र में अतिक्रमण हैं। इसके साथ ही कुछ जगहों पर पानी-बिजली की भी व्यवस्था कर ली गई है और निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
सबसे ज्यादा इन जिलों में अतिक्रमण
बारां – 7143, झालावाड़ – 1292, हनुमानगढ़ – 162, भरतपुर – 138, जोधपुर – 128, सवाईमाधोपुर – 114, अलवर – 113, बाड़मेर – 93, जयपुर – 73, चूरू – 69, सिरोही – 59, राजसमंद – 47, उदयपुर – 40, टोंक – 30, अजमेर – 19, सीकर – 16, भीलवाड़ा - 11
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