Govt Hospital Rajasthan: राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग एक नया प्रयोग करने जा रही है। प्रदेश के सभी सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और उनकी संबध्द अस्पतालों के सुरक्षा जिम्मेदारी अब केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को सौंपाने की तैयारी में है। जी हां, सरकारी अस्पतालों की समस्या को देखते हुए सरकार सीआईएसएफ को सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपाने की तैयारी कर रही है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सार्वजनिक निर्माण विभाग से एक एमओयू भी किया है।
सबसे पहले सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से होगी शुरूआत
सबसे पहले राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के अधीन आने वाले सभी अस्पतालों में इसका प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए सीआईएसएफ की तीन टीमें बनाई गई हैं। एसएमएस अस्पताल, कांवटिया अस्पताल, गणगौरी अस्पताल, जेके लोन अस्पताल, महिला चिकित्सालय और सैटेलाइट अस्पताल, जनाना अस्पताल, मनोरोग चिकित्सा संस्थान सहित अन्य संस्थानों की सुरक्षा की रिपोर्ट केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल तैयार करेंगी। अस्पतालों में शौचालयों का काम सुलभ इंटरनेशनल को दिया जाएगा, इसके अलावा चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सार्वजनिक निर्माण विभाग से एक एमओयू कर संबंधित चिकित्सालयों के अनुरक्षण, मरम्मत का कार्य सार्वजनिक निर्माण विभाग को अधिकृत किया है।
सीआईएसएफ की टीम पहुंचेगी जयपुर एसएमएस अस्पताल
इधर, चिकित्सा शिक्षा सचिव अंबरीश कुमार का कहना है कि सीआईएसएफ की टीम जयपुर एसएमएस अस्पताल का सर्वे करेंगी। वे पूरी सेफ्टी ऑडिट करके रिपोर्ट देंगे। उन्होंने कहा कि सुलभ इंटरनेशनल को टॉयलेट्स का काम कई अस्पतालों ने सौंप भी दिया है। सुलभ को ऑर्डर प्रिंसिपल अपने स्तर पर कर सकते हैं, उनका काम अच्छा है, वे गंभीरता से काम करते हैं। क्यू मैनेजमेंट सिस्टम सभी जगह लागू करेंगे।
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अस्पतालों में इन चार मुद्दों पर पहली बार ध्यान दिया जाएगा
हजारों मरीज रोज आते हैं और घंटों कतार में खड़े रहते हैं। इनके लिए सबसे पहले काम किया जाएगा। या कहें कि मैनेजमेंट सिस्टम को दुरूस्त किया जाएगा। टॉयलेट्स को भी स्वच्छ और साफ बनाए रखने की तैयारी की जा रही है। सीआईएसएफ को सुरक्षा मिलने के बाद झगड़े बंद होंगे और चोरियां कम होने की संभावना है। मेंटीनेंस अस्पतालों की इमारतें भी नई करने की तैयारी की जा रही है। इसकी जिम्मेदारी अब पीडब्ल्यूडी को दी जा रही है