CM Bhajanlal Sharma: गंगा दशहरा और विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में राजस्थान में जल, वन और पर्यावरण संरक्षण को समर्पित एक शानदार उत्सव मनाया गया। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को राज्य भर में कई कार्यक्रमों में भाग लिया।
प्रकृति और भक्ति के लिए राज्यव्यापी भागीदारी
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का दिन जयपुर से कोटा, बूंदी से भरतपुर तक प्रतीकात्मक अनुष्ठानों और हरित पहलों से भरा हुआ था। उन्होंने जयपुर में पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रार्थना और प्रतिज्ञाओं के साथ शुरुआत की। इसके बाद भरतपुर के गंगा मंदिर में पूजा अर्चना की। यहां उन्होंने भक्तों को गंगाजल, तुलसी के पौधे और प्रसाद वितरित किए। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि सुजान गंगा नहर पर उन्होंने दीप प्रज्वलन भी किया। इसके बाद उन्होंने पूज्य बिहारी जी के मंदिर में दर्शन किए। यहां उन्होंने आध्यात्मिक संबंध को पर्यावरण चेतना के साथ जोड़ते हुए राजस्थान के प्राचीन परंपराओं को अनुसरण किया।
वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान का शुभारंभ
इसी दौरान वंदे गंगा अभियान का शुभारंभ किया गया। यह पहल जन संरक्षण पर जागरूकता बढ़ाने के लिए की गई है। सीएम भजनलाल शर्मा ने इस अभियान का नेतृत्व केशव राय पाटन के केशव घाट पर चंबल मां की पूजा अर्चना करके किया। इसके बाद जमवाड़ामगढ़ में सीएम ने पौधारोपण किया और जलेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक भी किया।
बांटीं गई विभिन्न सौगात
- संभागीय मुख्यालय और औद्योगिक शहरों में कचरा संग्रह वाहन की तैनाती।
- सांगानेर में लगेगा एक जीरो लिक्विड डिसचार्ज कॉमन इन्फ्लुएंस ट्रीटमेंट प्लांट।
- एसएमएस अस्पताल,एसआरजी झालावाड़, उम्मेद, कमला नेहरू, एमडीएम जोधपुर और जनाना अस्पताल अजमेर में लगाए जाएंगे नए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट।
- वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए 54 शहरों में जल का किया जाएगा छिड़काव और सड़क सफाई मशीनों की खरीद।
- उदयपुर में लगाए जाएंगे पांच लवकुश उद्यान, माछला मगरा नगर वन, रिसाला ग्रीन लंग्स और जयपुर में भीड़ पापड़ सफारी का हुआ उद्घाटन।
जल सुरक्षा के लिए सिंचाई परियोजनाएं
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना के अंतर्गत ईसरदा बांध, नवनेरा बैराज और चंबल नदी पर एक्वाडक्ट का निरीक्षण किया। इसी के साथ उन्होंने घोषणा की कि राम जल सेतु लिंक परियोजना के तहत 17 जिलों की जल आवश्यकताओं को पूर्ण किया जाएगा। सिर्फ इतना ही नहीं यह परियोजना चार लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को सिंचाई प्रदान करेगी।