Rajasthan Janganana: राजस्थान में आठवीं राष्ट्रीय जनगणना मंगलवार से शुरू हो चुकी है। 84 वर्षों के बाद जाति जनगणना की जा रही है। आपको बता दें कि पिछली जाति जनगणना 1941 में हुई थी। उसके भी आंकड़े कभी सार्वजनिक नहीं किए गए। जनगणना संचालन निदेशालय के निदेशक विष्णु चरण ने बताया की गणना दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण में घरों की गणना होगी और दूसरे चरण में राज्य के सभी निवासियों की।
राजस्थान में पहली डिजिटल जनगणना
ऐसा पहली बार हो रहा है की जनगणना डिजिटल होगी। एक स्व गणना वेब पोर्टल को लांच किया जाएगा। इसके माध्यम से नागरिक अपना विवरण ऑनलाइन भर पाएंगे। इस विवरण का सत्यापन अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।
घर सूचीकरण चरण अप्रैल और सितंबर 2026 के बीच आयोजित किया जा सकता है। इसमें आवास की स्थिति, सुविधा, संपत्ति का स्वामित्व, स्वच्छता, जल आपूर्ति, बिजली, संचार, वाहन स्वामित्व, इंटरनेट का इस्तेमाल आदि शामिल हैं। इसमें 30 से ज्यादा प्रश्न शामिल हो सकते हैं।
इसके बाद जनसंख्या गणना चरण फरवरी 2027 में हर व्यक्ति के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विवरणों पर ध्यान केंद्रित करते हुए आयोजित किया जाएगा। इसके बाद एकत्रित आंकड़ों को गोपनीय ही रखा जाएगा और गलत सूचना देने या फिर भाग लेने से इनकार करने पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
अनुपालन न करने पर मिलेगा कठोर दंड
जनता के लिए जनगणना संबंधी जानकारी प्रदान करना अनिवार्य है। अगर कोई भी जानकारी देने से इनकार करता है या फिर छुपाने की कोशिश करता है तो उन पर ₹1000 तक का जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा कर्मचारियों के लिए भी जानकारी प्रदान करना अनिवार्य है। इनकार करने पर 3 साल तक की जेल और जुर्माना भी हो सकता है। आपको बता दें कि लगभग डेढ़ लाख प्रशिक्षित गणनाकार तैयार किए जाएंगे।
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