Rajasthan Health News: राज्य सरकार ने मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए चिकित्सा सेवाओं में बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है।अब मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पतालों में ओपीडी पर्ची अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में भी लिखी जाएगी। इस फैसले से मरीजों को अपनी बीमारी, जांच और दवाओं से जुड़ी जानकारी समझने में आसानी होगी।

इसके साथ ही कागज से पर्ची प्रिंट होने से हर साल चार करोड़ रुपए की बचत होगी। मेडिकल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जयपुरिया व कावंटिया अस्पताल में ट्रायल के बाद पायलट प्रोजेक्ट के तहत एसएमएस अस्पताल में पेशेंट फ्रेंडली ओपीडी पर्ची सिस्टम लागू होगा। इसके बाद शहर के अन्य अस्पतालों सहित अजमेर, जोधपुर उदयपुर, बीकानेर और कोटा में भी शुरू किया जाएगा।

हर साल लगभग 12 करोड़ से ज्यादा रजिस्ट्रेशन पर्ची प्रिंट होती हैं, इसमें से 65 से 70% जगह प्रिंटेड और जनरेटर फील्ड से भर जाती है। डॉक्टर को पर्ची पर 30 से 35 फीसद ही स्थान पर्ची पर लिखने के लिए मिलता है। ऐसे में अब डॉक्टर 80% जगह पर लिख सकेंगे। अंग्रेजी में लिखने से मरीज और परिजन दवा का नाम पढ़ नहीं पाते हैं। ऐसे में दवा ऐसे में फैसले से मरीजों को काफी आसानी होगी।

इसके साथ ही आपको बता दें कि आरजीएस, मां योजना, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में पात्र मरीज का जिक्र ओपीडी पर्ची पर होगा। राज्य के अलावा मरीजों के लिए रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर पीएम जन आरोग्य योजना की पात्रता जांच करने का टूल उपलब्ध होगा। इससे मरीज की योजना में पात्रता जांच पैकेज क्लीन कर सकेगा। ऐसे में सरकार का मानना है कि यह पहल न केवल मरीजों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि अस्पतालों के कामकाज में भी पारदर्शिता आएगी।