Diagnostic Lab Rules: राज्य में ब्लड क्लिनिकल डायग्नोस्टिक, रेडियोलॉजी, सोनोग्राफी और बाकी जांच सेवाएं देने वाली पैथोलॉजी लैब के लिए अब 5 साल का स्थाई रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी कर दिया गया है> ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन लैब संचालक को ने 31 दिसंबर तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया उनके खिलाफ जुर्माना सहित करवाई की जाएगी। इसके साथ ही फायर एनओसी के साथ प्रशिक्षित स्टाफ भी रखना पड़ेगा। वहीं रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने पर 10000 से 5 लाख तक जुर्माना भी वसूला जाएगा।
लैब में निर्धारित योग्यता अनुसार एमडी होना चाहिए
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बेसिक लैब में एमबीबीएस मीडियम और एडवांस्ड लैब में निर्धारित योग्यता अनुसार एमडी होना चाहिए। जांच करने वाला लैब टेक्नीशियन निर्धारित योग्यता के साथ स्टेट एलाइड और हेल्थ केयर काउंसिल में पंजीकृत होना चाहिए।
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रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन सुविधा भी उपलब्ध है
निर्धारित नियमों के मुताबिक की जांच सेवा उपलब्ध कराने होंगे। विभाग का कहना है कि बिना रजिस्ट्रेशन चल रही लैब न केवल नियमों का उल्लंघन कर रही हैं, बल्कि लोगों की हेल्थ की सेफ्टी के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं।
आपकी जानकारी के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन सुविधा भी उपलब्ध है। जिससे लैब संचालक आसानी से अप्लाई कर सकें। विभाग ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि रजिस्ट्रेशन नहीं करने वाले लैब पर कार्रवाई तय है।










