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राजस्थान में चुनाव से पहले बड़ा फैसला: साल 2026 में राजस्थान में शहरी निकाय और पंचायती राज चुनावों से पहले राज्य चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लिया है। आपको बता दें कि सरपंच और पार्सद के खर्च सीमा दोगुना हो गया है।

Rajasthan News: राजस्थान में आने वाले शहरी निकाय और पंचायती राज चुनावों से पहले, राज्य चुनाव आयोग ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लिया है, जिसका सीधा असर चुनावी राजनीति और उम्मीदवारों की रणनीतियों पर पड़ेगा। राज्य चुनाव आयोग ने संशोधित खर्च सीमा के संबंध में एक औपचारिक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें उम्मीदवारों के लिए चुनाव खर्च की सीमा को लगभग दोगुना कर दिया गया है।

आयोग ने कहा कि मौजूदा चुनावी स्थिति, बढ़ती महंगाई और चुनाव प्रचार पर लगातार बढ़ते खर्च को देखते हुए यह संशोधन ज़रूरी था। इस फैसले से ग्राम पंचायत से लेकर नगर निगम तक चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अब पहले से ज़्यादा खर्च कर पाएंगे।

यह फैसला ऐसे समय आया है जब राज्य में शहरी निकाय और पंचायती राज चुनावों के लिए राजनीतिक गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। राजनीतिक दल और संभावित उम्मीदवार पहले से ही ज़मीनी तैयारियों में लगे हुए हैं। जहां बढ़ी हुई खर्च सीमा से उम्मीदवारों को प्रचार में राहत मिलेगी, वहीं इससे चुनाव आयोग के लिए खर्च की निगरानी करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की चुनौती भी बढ़ेगी। आयोग ने साफ किया है कि बढ़ी हुई सीमा सभी आने वाले शहरी निकाय और पंचायत चुनावों पर लागू होगी।

सरपंच से लेकर जिला परिषद तक खर्च की सीमा में बड़े बदलाव

संशोधित नोटिफिकेशन के अनुसार, पंचायती राज संस्थाओं में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा में काफी बढ़ोतरी की गई है। सरपंच के लिए चुनाव खर्च की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई है। इसी तरह, पंचायत समिति सदस्यों के लिए खर्च की सीमा ₹75,000 से बढ़ाकर ₹1.5 लाख कर दी गई है। जिला परिषद सदस्यों, जिनके लिए पहले अधिकतम चुनाव खर्च ₹1.5 लाख था, अब उन्हें ₹3 लाख तक खर्च करने की अनुमति होगी।

चुनाव आयोग का मानना ​​है कि ग्रामीण इलाकों में भी प्रचार सामग्री, यात्रा, बैठकों और डिजिटल मीडिया का इस्तेमाल बढ़ा है। नतीजतन, पिछली खर्च सीमा वास्तविक खर्च से मेल नहीं खाती थी। संशोधित सीमा से उम्मीदवार कानूनी सीमा के भीतर प्रचार कर पाएंगे।

शहरी निकाय चुनावों के लिए खर्च की सीमा बढ़ी

शहरी निकाय चुनावों में भी उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा बढ़ा दी गई है। नगर परिषद पार्षदों के लिए चुनाव खर्च की सीमा ₹2.50 लाख से बढ़ाकर ₹3.50 लाख कर दी गई है। नगर पालिका पार्षदों के लिए खर्च की सीमा पहले की ₹1.5 लाख से बढ़ाकर ₹2 लाख कर दी गई है। नगर पंचायत पार्षदों के लिए खर्च की सीमा ₹1 लाख से बढ़ाकर ₹1.5 लाख कर दी गई है।

आयोग का कहना है कि शहरी इलाकों में प्रचार के तरीकों में तेज़ी से बदलाव आया है। सोशल मीडिया, डिजिटल कैंपेनिंग, बड़े पैमाने पर पब्लिक रिलेशन और इवेंट्स का खर्च लगातार बढ़ रहा है। इसलिए, खर्च की सीमा बढ़ाना ज़रूरी हो गया है।

आने वाले चुनावों में नई व्यवस्था लागू होगी

राज्य चुनाव आयोग ने साफ किया है कि बढ़ी हुई खर्च की सीमा सिर्फ़ आने वाले शहरी निकाय और पंचायती राज चुनावों पर लागू होगी। आयोग ने यह भी बताया है कि खर्च की निगरानी के लिए पहले से तय सभी नियम और प्रक्रियाएं लागू रहेंगी। उम्मीदवारों को तय समय सीमा के अंदर अपने खर्च का पूरा ब्यौरा देना होगा।

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