Maharana Pratap Sports University : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में आज, शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कैबिनेट की बैठक हुई। उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा और संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस राज्य में विश्वस्तरीय खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए महाराणा प्रताप खेल विश्वविद्यालय, जयपुर विधेयक प्रस्तुत करने के लिए आयोजित की गई थी।
उन्होंने यह भी बताया कि बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिनमें राजमेस मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई कोटे की फीस कम करना, दिवंगत कर्मचारियों के माता-पिता और दिव्यांग बच्चों के लिए पारिवारिक पेंशन प्रावधानों को सरल बनाना और विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को पदोन्नति लाभ प्रदान करने के लिए सेवा नियमों में संशोधन करना शामिल है।
महाराणा प्रताप खेल विश्वविद्यालय विधेयक-2025
उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि कैबिनेट बैठक में "महाराणा प्रताप खेल विश्वविद्यालय, जयपुर विधेयक-2025" के प्रारूप को मंजूरी दी गई। यह विधेयक आगामी विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 2024-25 के बजट में राज्य में खेल एवं शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देने, प्रतिभाशाली युवाओं को आधुनिक उपकरणों से युक्त वैज्ञानिक प्रशिक्षण प्रदान करने तथा विभिन्न खेलों में उच्चस्तरीय प्रशिक्षक एवं खेल विशेषज्ञ तैयार करने हेतु महाराणा प्रताप खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की गई थी।
खेल प्रौद्योगिकी एवं प्रदर्शन विश्लेषण को बढ़ावा
डॉ. बैरवा ने बताया कि यह विश्वविद्यालय खेल विज्ञान, खेल प्रौद्योगिकी एवं प्रदर्शन विश्लेषण पर अनुसंधान को बढ़ावा देगा, जिससे खेलों की गुणवत्ता और खिलाड़ियों के प्रदर्शन में सुधार होगा। यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्यों एवं उद्देश्यों के अनुरूप खेलों के विकास हेतु उत्कृष्टता केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा। नवीनतम खेल अवसंरचना से सुसज्जित यह विश्वविद्यालय राज्य की खेल प्रतिभाओं को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप निखारने हेतु एक उच्च-प्रदर्शन प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
एनआरआई छात्र उचित शुल्क पर मेडिकल कॉलेजों में ले सकेंगे प्रवेश
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राजमेस कॉलेजों में एनआरआई कोटे की सीटों के लिए शुल्क को युक्तिसंगत बनाने का निर्णय कैबिनेट बैठक में लिया गया। कैबिनेट के एक निर्णय के अनुसार, राजमेस कॉलेजों में एनआरआई सीटों की फीस प्रबंधन कोटे की फीस से ढाई गुना बढ़ा दी गई है। इस संशोधित व्यवस्था से 2025-26 के प्रवेश सत्र के लिए एनआरआई सीटों की फीस लगभग ₹23 लाख 93 हजार प्रति वर्ष हो जाएगी, जो निजी मेडिकल कॉलेजों की औसत फीस के लगभग बराबर है। इससे प्रतिभाशाली एनआरआई छात्र राजमेस मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए आकर्षित होंगे, जिससे राजमेस सोसाइटी को प्रति वर्ष लगभग ₹45 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।
ध्यान दें कि राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसाइटी (राजमेस) द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों में 50 प्रतिशत सीटें सरकारी शुल्क कोटे के अंतर्गत, 35 प्रतिशत प्रबंधन कोटे के अंतर्गत और 15 प्रतिशत एनआरआई कोटे के अंतर्गत हैं। इन कॉलेजों में एनआरआई सीटों की वार्षिक फीस डॉलर में निर्धारित होने और 5 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि के अधीन होने के कारण, यह पहले ₹31 लाख तक पहुँच गई थी, जबकि निजी मेडिकल कॉलेजों की औसत फीस लगभग ₹24 लाख प्रति वर्ष है।
ऐसी परिस्थितियों में, प्रतिभाशाली एनआरआई छात्र निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेना चाहेंगे और उच्च शुल्क के कारण, राजमेस कॉलेजों में एनआरआई कोटे की कई सीटें खाली रह गईं। बाद में इन खाली सीटों को लगभग ₹9 लाख वार्षिक शुल्क वाली प्रबंधन कोटे की सीटों में बदल दिया गया, जिससे इन कॉलेजों को राजस्व की हानि हुई।
सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए सशर्त भूमि आवंटन
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि मंत्रिमंडल ने 5,200 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए सशर्त दर पर भूमि आवंटन को भी मंजूरी दी है। इन इकाइयों की स्थापना से राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम में संशोधन
श्री पटेल ने बताया कि राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996 के नियम 62(IV) के तहत वर्तमान में मृतक कर्मचारी के माता-पिता के लिए कर्मचारी के कुल वेतन का 30 प्रतिशत पारिवारिक पेंशन का प्रावधान है। इस नियम को निरस्त करने का निर्णय राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। अब, माता-पिता को भी नियम 62(III) के अनुसार बढ़ी हुई पेंशन (अधिकतम 50 प्रतिशत तक) का लाभ मिलेगा, जो कर्मचारी के जीवित रहते देय है।
साथ ही, आज राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996 के नियम 67 में संशोधन को भी मंजूरी दी गई। इस संशोधन के अनुसार, मानसिक या शारीरिक विकलांगता से ग्रस्त पुत्र या पुत्री अब विवाह के बाद भी पारिवारिक पेंशन प्राप्त कर सकेंगे।
पर्यटन एवं पुरातत्व विभागों में पदोन्नति के अवसर बढ़ें
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि राजस्थान पर्यटन सेवा संवर्ग में वरिष्ठ अतिरिक्त निदेशक के स्वीकृत चतुर्थ पदोन्नति पद पर पदोन्नति हेतु राजस्थान पर्यटन सेवा नियम, 1976 में प्रस्तावित संशोधनों को भी आज मंजूरी दी गई।