Air Pollution: शहर के वातावरण में जहरीला धुआं हवा में तेजी से खुल रहा है। वहीं शहर के हवा लगातार प्रदूषित होती जा रही है। जयपुर के बाद प्रदूषित अजमेर तक पहुंच गई है। ऐसे में लोगों को काफी परेशानी हो रही है। वहीं इसका असर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में देखने को मिल रहा है। दूषित हवा के कारण अस्थमा के मरीजों की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है।

चिकित्सा विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी

पहले टीवी यूनिट में अस्थमा, खांसी, सांस फूलने की मरीज 15 से 20 आते थे। वहीं अब यह संख्या बढ़कर 55 से 70 तक पहुंच गई है। इंडोर में 55 बेड की क्षमता में 72 मरीज भर्ती हो गए हैं। कार्डियोलॉजी की बात करें तो ओपीडी 330 है जो पहले 250 होती थी। वहीं इंडोर में हार्ट फेलियर के 90 बैड जो पूरी तरीके से फूल हो चुके हैं। प्रदूषण का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में चिकित्सा विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

सांस लेने में हो रही है तकलीफ

 प्रदूषित हवा के चलते फेफड़े अस्थमा और दिल के बीमारी से पीड़ित मरीजों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। वहीं जेएलएन अस्पताल के टीवी और चेस्ट और विभाग के वरिष्ठ आचार्य विभाध्यक्ष डॉक्टर नीरज गुप्ता ने बताया कि हवा में धुंआ घुलने की वजह से अस्पताल का आउटडोर 110 से 200 तक पहुंच चुका है। वहीं एक साथ मौसम बिगड़ने से लोगों को अस्थमा, हार्ट की बीमारी और सांस लेने में परेशानी हो रही है, इसलिए लोगों को सलाह है कि सुबह के वक्त कम निकलें, जल्दी मॉर्निंग वॉक पर न जाएं, घर में चिमनी में धुआं न करें।

डॉक्टर ने दी सलाह

वहीं दुपहिया वाहन पर जाते वक्त हेलमेट का पूरा कांच लगाएं। अगर आप पैदल बाहर जा रहे हैं तो मास्क जरूर लगाएं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शरीर में एलर्जी, जुखाम, खांसी, सांस की परेशानी से पीड़ित लोगों को दवाई का असर 5 दिन में होता था जो अब इंजेक्शन लगाने पर भी 20 दिन तक नहीं जा रहा है। ऐसे में लोगों को जुकाम, खांसी जैसी परेशानी जल्दी जल्दी हो रही है।