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E-Rickshaw Ban: प्रशासन ने फैसला किया है कि अब जयपुर नगर निगम क्षेत्र में 40,000 ऑटो रिक्शा को संचालन की अनुमति दी जाएगी।

E-Rickshaw Ban: जयपुर शहर में लगातार बढ़ते ट्रैफिक दबाव को देखते हुए प्रशासन ने यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए अहम कदम उठाया है। हाल ही में जयपुर में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें यातायात, नगर निगम, पुलिस और स्मार्ट सिटी जैसे कई प्रमुख विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कुछ प्रमुख और अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले मार्गों से ई-रिक्शा को हटाया जाएगा ताकि वहां ट्रैफिक सुचारू रूप से चल सके।

क्यों लिया गया यह फैसला?

जयपुर की आबादी में तेजी से इजाफा हो रहा है, वहीं रोजगार और परिवहन साधनों की मांग भी बढ़ रही है। खासतौर पर पर्यटकों की बढ़ती संख्या और स्थानीय लोगों की आवागमन आवश्यकताओं को देखते हुए ट्रैफिक व्यवस्था को अधिक व्यवस्थित बनाने की ज़रूरत महसूस की जा रही है।

ई-रिक्शा, जो कम गति से चलते हैं और कई बार बेतरतीब ढंग से पार्क कर दिए जाते हैं, जाम की मुख्य वजह बन जाते हैं। यही कारण है कि प्रशासन ने उन्हें कुछ खास मार्गों और ओवरब्रिज जैसे मुख्य रास्तों से दूर रखने का फैसला किया है।

परिवहन में बदलाव और नई योजनाएं

प्रशासन ने फैसला किया है कि अब जयपुर नगर निगम क्षेत्र में 40,000 ऑटो रिक्शा को संचालन की अनुमति दी जाएगी। इनमें विशेष रूप से सीएनजी और एलपीजी चालित वाहनों को प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि प्रदूषण पर भी नियंत्रण रखा जा सके।

इसके अलावा, शहर के कुछ नए मार्गों को ऐसे डिजाइन किया जाएगा जहाँ 8 से 10 सीटर चौपहिया टेम्पो वाहन आसानी से चल सकें। यह निर्णय भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सुलभ और सुरक्षित यातायात के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

ट्रैफिक नियंत्रण के लिए अन्य बड़े निर्णय

औद्योगिक क्षेत्रों में ट्रैफिक सिग्नलों पर पुलिस बल की तैनाती की जाएगी ताकि यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित हो सके। एलिवेटेड रोड और कुछ नए टेम्पो रूट्स को मंजूरी दी गई है, जिससे ट्रैफिक का दबाव मुख्य सड़कों पर कम होगा। मल्टी लेवल पार्किंग की संभावनाएं तलाशने के लिए नगर निगम और स्मार्ट सिटी मिशन साथ मिलकर काम करेंगे, जिससे पार्किंग की समस्या का स्थायी समाधान निकाला जा सके।

उम्मीदें और भविष्य की दिशा

इस नए ट्रैफिक प्लान से उम्मीद की जा रही है कि जयपुर की सड़कों पर ट्रैफिक जाम में भारी कमी आएगी। शहरवासियों को आवागमन में राहत मिलेगी, ईंधन की बर्बादी रुकेगी और पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा। इसके साथ ही पर्यटकों को भी शहर घूमने में बेहतर अनुभव मिलेगा। प्रशासन का उद्देश्य है कि यह योजना न सिर्फ यातायात सुधारने में मदद करे, बल्कि भविष्य में जयपुर को एक स्मार्ट और सुविधाजनक शहर के रूप में विकसित करने की दिशा में मजबूत कदम बने।

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