Mini Manchester Of Rajasthan: भीलवाड़ा कई नामों से जाना जाता है। जैसे कि गेटवे ऑफ मेवाड़, उद्योग नगरी, मिनी मैनचेस्टर और कडप्पा नगरी। सिर्फ आधुनिक उद्योग ही नहीं बल्कि यह शहर ऐतिहासिकता और संस्कृतिक महत्व से भरपूर है। आईए जानते हैं इस शहर से जुड़ी कुछ मुख्य बातें।
भीलवाड़ा की आदिवासी जड़ें
इस शहर के नाम के पीछे की कहानी भील समुदाय से जुड़ी है। दरअसल 11वीं शताब्दी में भील जनजाति के एक प्रसिद्ध व्यक्ति द्वारा इस क्षेत्र में एक शिव मंदिर स्थापित किया गया था। इसके बाद इस क्षेत्र में धार्मिक चीजों को लेकर ध्यान आकर्षित हुआ और कई भील परिवारों ने यहां बसने की ठानी। समय के साथ इस जगह को लोग भीलों का वाड़ा कहने लगे, जिसका मतलब है भीलों का स्थान।
सिक्का ढलाई सिद्धांत
आपको बता दे कि पुराने समय में भीलवाड़ा एक प्रमुख टकसाल का घर था। दरअसल यहां भी भिलड़ी नामक धातु के सिक्के बनाए जाते थे। ऐसा भी कहा जाता है कि भीलवाड़ा नाम इन्हीं सिक्कों से लिया गया है।
खंडहर हो चुकी थी यह जगह
ऐसा कहा जाता है कि एक समय यहां ऐसा भी आया था जब एक रहस्यमय बीमारी ने इस क्षेत्र को पूर्ण रूप से खत्म कर दिया था। यह शहर पूरी तरह बेजान हो गया था। हालांकि कुछ समय बाद भील समुदाय ने एक बार फिर से भूमि का पुनरुत्थान किया। आज भीलवाड़ा एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के साथ-साथ समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जड़ों की वजह से पूरे राजस्थान में मशहूर है। इसके नाम के पीछे का इतिहास और भीलों द्वारा बसाया गया यह शहर इतिहास की परतों को ताजा करता है। अगर आप इतिहास और प्राचीन चीजों के बारे में जानकारी रखने का शौंक रखते हैं तो एक बार जब भी आप राजस्थान आएं तो यहां आना मत भूलियेगा।
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