Rajasthan Politics: सोशल मीडिया पर तमाम ऐसी प्रतिक्रियाएं आ रही है कि अशोक गहलोत ने बीजेपी के खिलाफ वोट चोर वाली कैंपियन से पीछे हटने का फैसला किया है। वहीं सचिन पायलट एक बार फिर राहुल गांधी के साथ मजबूती से खड़े दिख रहे हैं। आखिर गहलोत की ऐसी क्या मजबूरी थी, जिसके कारण उन्होंने बीजेपी के खिलाफ राहुल गांधी का साथ देने से अपना हाथ पीछे खींच लिया, ये हम आपको समझाते हैं।
गहलोत के प्रोफाइल पिक्चर से मिला संकेत
राहुल गांधी देशभर में बीजेपी के खिलाफ वोट चोर गद्दी छोड़ का मुद्दा उठा रहे हैं। हाल ही में इसको लेकर दिल्ली में राहुल गांधी ने बड़ा कैंपियन भी किया था। राहुल गांधी के इस मुद्दे पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने एक समय साथ भी दिया था। राजस्थान कांग्रेस के दोनों नेताओं ने अपने एक्स पर जो प्रोफाइल पिक्चर लगाई थी, उसमें लिखा था "'वोट चोरी से आजादी' Stop Vote Chori"।
लेकिन अब अशोक गहलोत ने इस प्रोफाइल पिक्चर को हटा दिया है, जबकि सचिन पायलट का प्रोफाइल पिक्चर अभी भी वही है। ऐसे में सोचने वाली बात है कि एक तरफ राहुल गांधी लगातार बीजेपी के खिलाफ वोट चोरी का मुद्दा उठा रहा है, फिर अशोक गहलोत ने इससे जुड़े प्रोफाइल पिक्चर को क्यों हटा दिया।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खफा गहलोत
बताते चलें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अरावली की पहाड़ी को लेकर एक फैसला सुनाया है, जिसमें यह कहा गया कि 100 मीटर से कम हाइट वाली जितनी भी अरावली की पहाड़ी है, उसमें खनन का काम किया जा सकेगा। अभी तक सभी अरावली पहाड़ियों में खनन पर रोक थी। अशोक गहलोत सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे हैं। गहलोत ने कहा कि अरावली की पर्वत राजस्थान के लिए रक्षा कवच की तरह है। अरावली का 90 फीसदी हिस्सा 100 मीटर से कम ऊंचाई वाला ही है, जिसमें अगर खनन कार्य किया गया तो अरावली खत्म ही हो जाएगी।
'अरावली राजस्थान के लिए रक्षा कवच'
गहलोत ने कहा कि अरावली पर्वत राजस्थान के लिए रक्षा कवच के तरह है। ऐसे में अगर यह हटी तो दिल्ली से राजस्थान तक रेगिस्तान हो जाएगा। इसी को लेकर गहलोत ने अपनी प्रोफाइल पिक्चर बदल दी और वोट चोरी से आजादी वाली पिक्चर हटाकर अरावली बचाओ वाली पिक्चर लगा दी है।








