Alwar Mandi: भारत में नासिक के बाद अलवर देश की दूसरी सबसे बड़ी मंडी मानी जाती है। यहां देश के अलावा बाकी देश में भी प्याज की सप्लाई की जाती है। यहां के प्याज का स्वाद का अलग होता है। वहीं अलवर के प्याज के स्वाद काफी ज्यादा होता है, लेकिन इस बार यहां के किसान प्याज के दाम को लेकर काफी परेशान हैं। ऐसे में कई किसानों का कहना है कि हाल इतने बुरे हैं कि जहर खाने की नौबत आ गई है। प्याज के दाम इतने कम हैं कि फसल की बुवाई का खर्चा भी नहीं निकल रहा है।

मार्केट में प्याज के दाम बिल्कुल भी नहीं मिल रहे

ऐसे में किसान डर रहे हैं कि इसी तरह मंडी का हाल रहा तो वे अपना कर्ज कैसे चुका पाएंगे। आपको बताते चलें कि इस बार मंडी में न तो प्याज जा रहा है और न ही किसानों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है, क्योंकि  मार्केट में प्याज के दाम बिल्कुल भी नहीं मिल रहे हैं। हालत इतने खराब हो रहे हैं कि किसान मंडी में प्याज ₹2 किलो पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं। कई किसान ने प्याज को ₹2 किलो में बेचे की वजह से नदी में फेंकना फेंक दिए। क्योंकि मंदी और कटाई का खर्च काफी ज्यादा होता है और टनों के हिसाब से प्याज खेतों में सड़ रहा है। कई किसानों को लगता है कि खर्च इतना ज्यादा है कि जहर खाना ही बेहतर है।

प्याज को ज्यादा दिन तक स्टॉक नहीं किया जा सकता है

इस साल प्याज की डिमांड बिल्कुल भी नहीं है। इसकी वजह है कि अलवर के प्याज में नमी होना। इस वजह से प्याज को ज्यादा दिन तक स्टॉक नहीं किया जा सकता है। वहीं महाराष्ट्र और कर्नाटक के प्याज को महीने तक स्टॉक करके रखा जा सकता है और साथ ही पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी प्याज की सप्लाई बंद है। इस वजह से यहां के प्याज के डिमांड नहीं है।

केवल प्याज के ₹2 प्रति किलो दाम मिले

वहीं चंद्रपुर गांव के सुरेश खोड़ा नाम के किसान ने अपने चाचा के साथ मिलकर तकरीबन 90 कट्टे प्याज के नदी में फेंक दिऐ। उनका कहना है कि वे प्याज मंडी में लेकर गए, जहां उन्हें केवल प्याज के ₹2 प्रति किलो दाम मिले। ऐसे में वह निराश होकर प्याज को वापस ले आए और नदी में फेंक दिए।