Sikar Palace: राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र का सीकर शहर वीरता और वास्तुकला का शानदार नमूना है। 1954 तक सीकर पर 11 राजाओं द्वारा शासन किया गया था। यहां के अंतिम राजा राव राजा कल्याण सिंह थे। राव राजा कल्याण सिंह का शासन 34 साल तक चला। लेकिन आज के इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं सीकर के उस गढ़ के बारे में जिसकी कहानी राव दौलत सिंह से शुरू होती है जो की सीकर के पहले शासक थे।
क्या थी सीकर के गढ़ की कहानी
साल 1744 में राव दौलत सिंह द्वारा सीकर के किले की स्थापना की गई थी। उस वक्त किले का स्थान एक घना जंगल वाला क्षेत्र हुआ करता था। ऐसा कहा जाता है की एक भेड़ ने अपने मेमनों की रक्षा के लिए एक भेड़िए से लड़ाई लड़ी थी। राव दौलत सिंह साहस के इस प्रदर्शन से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने इस भूमि को पवित्रता और वीरता का प्रतीक मान लिया। बस इसी क्षण से प्रेरित होकर उन्होंने अपने शाही महल के निर्माण के लिए उसी स्थान को चुना।
शाही वैभव का उदय
राव दौलत सिंह के बाद राव शिव सिंह सिंहासन के हकदार हुए। उनके शासनकाल के दौरान किले का निर्माण पूरा हुआ। इस किले को काफी जटिल रूप से डिजाइन किया गया और पारंपरिक झरोखें बनाए गए। इस किले के अंदर मकराना और संगमरमर का महल शाही विलासिता का एक वसीयतनामा है।
एक सांस्कृतिक खजाना
अपनी ऐतिहासिकता के लिए जाना जाने वाला यह किला आज भी जनता के लिए बंद है। राजाओं का यह आलीशान निवास जो कभी बहादुरी, ज्ञान और परंपरा का एक अनूठा नमूना था अब शांत खड़ा है।
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