Rajasthan Health News: राजस्थान के आयुर्वेद विभाग द्वारा बड़ा फैसला लिया गया है। अब जिला अस्पतालों और डिस्पेंसरी स्तर तक हीमोग्लोबिन जांच की सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी कर ली गई है। आयुर्वेद निदेशालय की टीम द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव पर जल्द काम शुरू होगा। आपको बता दें कि पहले चरण में प्रदेश के 1958 आयुर्वेद अस्पतालों को हीमोग्लोबिन मीटर उपलब्ध कराए जाएंगे। राज्य के अलग-अलग आयुर्वेद के सीएससी, पीएचसी और जिला अस्पतालों को मिलेंगे।
निदेशालय ने हीमोग्लोबिन मीटर खरीदना तय किया
वहीं आयुर्वेद विभाग निर्देश के निदेशक आनंद शर्मा ने बताया कि आयुर्वेद निदेशालय का सबसे बड़ा फोकस हीमोग्लोबिन मीटर देने के पीछे वहां आने वाले मरीजों के एनीमिया की जांच करना है। मरीज में कितना एचपी है। यह मीटर की जांच से पता चल सकेगा। वहीं आयुर्वेद विभाग के चिकित्सक और नर्सिंग कर्मियों ने बताया कि ऐसे कई मरीज आते हैं, जिनकी हथेली पीली, नाखून पीले, आंखें पीली और जीभ पीली होती है। वहीं हीमोग्लोबिन की जांच का कोई भी उपकरण नहीं होने की वजह से मरीजों को दवा भी नहीं दे पाते हैं। ऐसे हालतों को देखते हुए निदेशालय ने हीमोग्लोबिन मीटर खरीदना तय किया है। जिससे मरीजों को समय से उपचार मिल सके। वहीं चिकित्सा को नर्सिंग ऑफिसर को इन दिनों प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। बीते दिन मंगलवार को जयपुर में इस को लेकर काफी मुद्दों पर चर्चा की गई।
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इस काम आता है हीमोग्लोबिन मीटर
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हीमोग्लोबिन मीटर का इस्तेमाल शरीर में खून हीमोग्लोबिन और हेमेटोक्रिट के लेवल को मापने के लिए किया जाता है। वहीं रेड ब्लड सेल्स की संख्या जानने, एनीमिया की गंभीरता का विश्लेषण करने के लिए इस उपकरण का उपयोग किया जाता है, जिससे पता चलता है कि शरीर में ऑक्सीजन ले जाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं में कितना हीमोग्लोबिन है।







