Mahakumbh 2025: तीर्थराज प्रयागराज संगम में आज रविवार 18 जनवरी राजस्थान के सीएम भजनलाल ने आस्था की डुबकी लगाई। संगम तट पर चल रहे महाकुंभ में आस्था व्यक्त करने सीएम कल शनिवार को ही प्रयागराज पहुंच गए थे। आज सुबह उन्होंने संगम स्नान कर घाट पर ही मां गंगे की आरती की, देवाधिदेव महादेव का गंगाजल से जलाभिषेक करने के बाद बड़े हनुमान जी के दर्शन किए। बता दें 144 साल पड़ने वाले इस विशेष महाकुंभ में भारी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालुओं की भीड़ आस्था की डुबकी लगाने उमड़ रही है, जिसमें करोड़ों लोग स्नान करने पहुंच चुके हैं।

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संगम में आस्था की डुबकी लगाने के बाद सीएम भजनलाल ने संगम की महिमा को अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि “प्रयागराज में आस्था,श्रद्धा और एकता के महासमागम ‘महाकुंभ 2025’ में पवित्र त्रिवेणी संगम पर आस्था की पावन डुबकी लगाने का अनुपम सौभाग्य प्राप्त हुआ। तत्पश्चात, लेटे हनुमान जी महाराज के दिव्य दर्शन एवं पूर्ण विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर समस्त प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि मंगलमय एवं आरोग्यमय जीवन हेतु प्रार्थना की।

राजस्थान पवेलियन का किया निरीक्षण

इससे पहले शनिवार 18 जनवरी को प्रयागराज पहुंचने पर सीएम भजनलाल ने राजस्थान सरकार के द्वारा महाकुंभ में लगाए गए राजस्थान पवेलियन का निरीक्षण किया, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए पंडालों में श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्थाओं पर प्रसन्नता व्यक्त की। वहां लगाई गई प्रदर्शनी, प्रचार-प्रसार से जुड़ी ऑडियो-विजुअल सामग्रियों, आकर्षक चित्रों का अवलोकन किया। इस दौरान उनके साथ राजस्थान के पूर्व संगठन महामंत्री तथा वर्तमान तेलंगाना के संगठन महामंत्री चंद्रशेखर मौजूद रहे।

महाकुंभ 2025 इसलिए है सबसे विशेष

बता दें उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित हो रहे महाकुंभ 2025 का विशेष महत्व है। 12 वें महाकुंभ का एक पूरा चक्र पूरा करने के कारण इसे विशेष महाकुंभ की महिमा दी जाती है, ऐसा अवसर 144 वर्ष पश्चात ही आता है। इस प्रकार यह किसी भी व्यक्ति के जीवन में प्राप्त होने वाला अद्वितीय सौभाग्य क्षण है। यह कुंभ मेला चक्रों के पूरा होने का प्रतीक है।

इसी विशेष अवसर को देखते हुए इस बार कुंभ में यूपी सरकार के द्वारा लगभग 45 करोड़ लोगों के आने का अनुमान लगाया गया। इसमें देश-विदेश से भी लाखों श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है। कई देश तो विश्व के एकमात्र सबसे विशाल मेले में लोगों के जुटने और उनके लिए की गई व्यवस्थाओं की केस स्टडी करने पहुंच रहे हैं।     

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