Rajasthan Vidhansabha: राजस्थान की 16वीं विधानसभा का चौथा सत्र बुधवार को स्थगित कर दिया गया। इसका कारण विपक्षी विधायकों का हंगामा और नारेबाजी रही। हंगामे के बावजूद भी दो महत्वपूर्ण विधेयक भू राजस्व विधेयक और राजस्थान भूजल संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण विधेयक विरोध प्रदर्शनों के बीच पारित कर दिए गए।
राजस्थान भू जल संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण विधेयक
यह विधेयक राज्य को भूजल प्रबंधन पर केंद्रीय नियमों के अनुरूप लाता है। आपको बता दें कि एक राज्य स्तरीय भूजल प्राधिकरण अब भूजल निष्कर्षण और उपयोग की निगरानी करेगा।
विधेयक के प्रमुख प्रावधानों में शामिल हैं:
- भूजल दोहन नियमों का पहली बार उल्लंघन करने वालों पर ₹50 हजार का जुर्माना लगेगा।
- बार-बार उलंघन करने पर 6 महीने की जेल और ₹1 लाख का जुर्माना लगेगा।
- ट्यूबवेल और बोरवेल सहित सभी भूजल निष्कर्षण का सख्त नियमन होना चाहिए। इसके लिए लाइसेंस और पंजीकरण जरूरी हैं।
- डार्क जोन क्षेत्र में जल निकासी पर प्रबंध लगाया गया, जहां भूजल स्थल अत्यंत निम्न है।
भूमि राजस्व विधेयक
यह विधेयक रीको की शक्तियों को और भी मजबूत करता है। संशोधन के बाद अब रीको के पास भूमि रूपांतरण, भूमि का उप विभाजन, अपने निर्दिष्ट क्षेत्र में भूमि उपयोग परिवर्तन, नगर निकायों या विकास प्राधिकरणों की सीमा के भीतर प्राधिकरण के अधिकार होंगे।
विरोध प्रदर्शनों से बाधित विधानसभा की कार्यवाही
इस सत्र में विपक्ष ने भारी विरोध किया। कांग्रेस विधायकों ने सदन में चार अतिरिक्त कैमरे लगाने पर भी विरोध किया। इसी के साथ सुबह 11:19 बजे सदन से बहिर्गमन कर दिया। इसके बाद वें प्रश्नकाल समाप्त होने से केवल 20 सेकंड पहले वापस लौटे।
आपको बता दें कि अध्यक्ष सीपी देवनानी ने प्रावधान की वजह से सदन की कार्यवाही शुरू में दोपहर 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दी इसी के साथ बाद में इसे दोपहर 2 बजे तक के लिए बढ़ा दिया गया।