Anta By Election : राजस्थान की राजनीति में इस समय अंता विधानसभा उपचुनाव चर्चा का केंद्र बनी हुई है। बारां जिले की इस सीट पर नामांकन पत्रों की जांच प्रक्रिया को पूरी कर ली गई। कुल 21 प्रत्याशियों में से 20 के नामांकन वैध पाए गए हैं, जबकि कांग्रेस की वैकल्पिक उम्मीदवार उर्मिला जैन भाया का नामांकन पत्र नियमों के उल्लंघन के कारण खारिज कर दिया गया। अब उम्मीदवारों को 27 अक्टूबर तक नाम वापस लेने की मोहलत दी गई है। इसके बाद उपचुनाव की अंतिम तस्वीर साफ होने की उम्मीद है।

अंता विधानसभा उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला

अंता विधानसभा में करीब 2 लाख से ज्यादा मतदाता अपने नए विधायक को चुनेंगे। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगी। यहां से भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार खड़े हो रहे हैं। इस क्षेत्र में अनुसूचित जाति के 35 हजार 

माली समाज के 40 हजार, और मीणा समुदाय के 30 हजार मतदाता अहम भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा बनिया,राजपूत,ब्राह्मण और धाकड़ वोटरों का रुझान भी नतीजों को प्रभावित करेगा।

अंता उपचुनाव में माली और मीणा वोटर्स की एकजुटता 

अंता उपचुनाव में माली वोटर की संख्या सबसे अधिक है। अगर माली और मीणा समाज के लोग एकजुट होकर किसी को वोट करें तो कोई भी दल जीत सकता है। भाजपा को हमेशा से माली और शहरी मतदाता वोट करते रहे हैं। वहीं भाई कांग्रेस की बात करें तो कांग्रेस को हमेशा से मीणा और अनुसूचित जाति के वोटर्स वोट करते रहे हैं। पूर्व विधायक प्रमोद जैन भाया इस उपचुनाव में खड़े हुए हैं। सभी दल मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अब देखना होगा कि अंता विधानसभा से कौन जीतता है।

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