Health Department: राजस्थान चिकित्सा विभाग दबाव में है, क्योंकि 2600 सरकारी फार्मासिस्ट लंबे वक्त से दिए गए भत्तों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। आपको बता दें कि यह फार्मासिस्ट मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के तहत 14 सालों से लगन से सेवा दे रहे हैं लेकिन उनकी मांगे अभी तक अनसुनी हैं।
सहमति बनी फिर भी कोई कार्यवाही नहीं
आपको बता दें कि तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभा सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी। इसमें फार्मासिस्टों के भत्ते सहित कई जरूरी मुद्दों पर सहमति बनी थी। इस वक्त सिफारिश की जाने के बावजूद भी 24 महीने से ज्यादा समय हो चुका है और वादा किए गए भत्ते नहीं दिए गए।
राजस्थान फार्मासिस्ट कर्मचारी संघ के संरक्षक आनंद सूरा और प्रदेश अध्यक्ष तिलक चंद शर्मा ने काफी ज्यादा निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हालांकि 2 साल पहले हुई चर्चाओं के वक्त सहमति बन गई थी लेकिन अभी तक भी यह मुद्दत बिना किसी समाधान के लंबित है।
निशुल्क दवा योजना में फार्मासिस्टों की भूमिका
आपको बता दें कि यें सरकारी फार्मासिस्ट मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजनाओं में काफी ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस बात से यह सुनिश्चित होता है कि राज्य में लाखों मरीजों तक निशुल्क दवाएं पहुंचे। उनका काम जनता के स्वास्थ्य और कल्याण के हित में काम करना है और साथ ही निम्न आय वर्ग के लोगों का ध्यान रखना है जो सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं पर निर्भर है।