Jaipur Hospital: राजस्थान की राजधानी जयपुर में महात्मा गांधी हॉस्पिटल से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो आपको भी हैरान कर देगा। आप यह सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि डॉक्टर इतने लापरवाह भला कैसे हो सकते हैं। बता दें कि महात्मा गांधी हॉस्पिटल में एक मरीज का ऑपरेशन हुआ, जिसके बाद उसकी तबीयत काफी बिगड़ गई, लेकिन फिर भी डॉक्टर ने जबरन ने उसे मरीज को डिस्चार्ज कर दिया।
जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर द्वितीय का एक्शन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीतापुर द्वारा मरीज के गुर्दे में पथरी व गांठ का ऑपरेशन किया गया। इसके बाद उसकी तबीयत काफी खराब होने लगी, लेकिन फिर भी उसे इलाज नहीं देकर डॉक्टर ने लापरवाही बरतते हुए उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। हालांकि अस्पताल को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा है। जिला उपभोक्ता आयोग जयपुर द्वितीय ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए अस्पताल की स्थिति को गंभीर सेवा दोष व अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस बताया।
55 हजार रुपये का हर्जाना
महात्मा गांधी अस्पताल से जबरन डिस्चार्ज के बाद मरीज को किसी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज कराया गया, जहां 2.85 लाख रुपये का बिल बना। आयोग ने अस्पताल को इस ऑपरेशन के लिए लिए गए 2.85 लाख रुपए परिवार को ब्याज सहित लौटाने के लिए कहा। इसके अलावा 55,000 हजार रुपये हर्जाना भी भरने के लिए कहा है। अस्पताल को परिवाद दायर करने की तारीख तक 9% ब्याज सहित सारे पैसे लौटाने होंगे।
जानें कब का है पूरा मामला
आयोग ने माना कि पारिवारिक के ऑपरेशन में लापरवाही की गई, जिसके कारण उसका यूरिन में ब्लड आता रहा और किडनी में भी लीकेज होता रहा। बावजूद इसके हॉस्पिटल में उसे ट्रीटमेंट देने के बजाय उसे डिस्चार्ज कर दिया। बताते चलें कि यह मामला आज से करीब 10 साल पुराना है। 22 फरवरी 2015 को मैरिज महात्मा गांधी हॉस्पिटल में भर्ती हुआ था। 9 मार्च को उसका ऑपरेशन किया गया।
मरीज को आश्वासन दिया गया था कि वह 6 से 7 दिन में ठीक हो जाएगा। लेकिन फिर भी वह ठीक नहीं हुआ बावजूद इसके 16 मार्च को से जबरन अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया और कहा आपको कोई दिक्कत नहीं है। हालत बिगड़ने के बाद 17 मार्च को मरीज जब दोबारा अस्पताल पहुंचा और अपनी परेशानी बताया, तो डॉक्टर ने साफ कर दिया की कोई दिक्कत नहीं है।










