Tips For Heart Health: दिल, जिसे शरीर का इंजन कहा जाता है, हर अंग तक रक्त, ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को पहुंचाने का काम करता है। इस निरंतर मेहनत के बावजूद बहुत से लोग दिल का दौरा जैसी बड़ी घटना होने से बहुत पहले अपने दिल द्वारा दिए जाने वाले सूक्ष्म संकेत को नजरअंदाज कर देते हैं। आज हम जानेंगे उन्हीं संकेतों के बारे में। 

सालों पहले दिखने लगते हैं लक्षण 

जामा कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक हृदय रोग के लक्षण दिल का दौरा पड़ने से लगभग 12 साल पहले ही दिखाई देने लगते हैं। शुरुआती दौर में शारीरिक गतिविधियों में धीरे-धीरे कमी आने लगती है। अध्ययन के मुताबिक यह कमी हृदय संबंधी घटना से लगभग 2 साल पहले तेजी से बढ़ जाती है। 

ह्रदय स्वास्थ्य के लिए सक्रिय रहने का महत्व

दरअसल शारीरिक गतिविधि फायदेमंद तो है ही लेकिन साथ ही यह हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में भी मदद करती है। जब दिल की रक्त वाहिकाएं कमजोर हो जाती हैं तो पूरा तंत्र प्रभावित हो जाता है। ज्यादातर लोग युवावस्था से लेकर मध्य आयु तक स्वाभाविक रूप से कम सक्रिय हो जाते हैं, लेकिन हृदय रोग के जोखिम वाले लोगों में यह गिरावट बहुत पहले और तेजी से आ जाती है। 

सूक्ष्म संकेत जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए 

आपको बता दें कि दिल का दौरा बिना किसी चेतावनी के नहीं आता है। सालों पहले से ही सूक्ष्म परिवर्तन शुरू हो जाते हैं। बस आपको इन संकेतों को पहचानना होता है। सबसे पहले तो सांस लेने में तकलीफ, आराम करने के बाद भी लगातार थकान और सीने में हल्का दबाव या फिर बेचैनी महसूस होने लगती है। इसके अलावा पैरों या फिर टखनों में सूजन, अनियमित दिल की धड़कन, खर्राटे जैसी नींद की गड़बड़ी और पेट के आसपास धीरे-धीरे चर्बी बढ़ाना हृदय संबंधी समस्याओं का संकेत होता है। पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन अवरुद्ध रक्त वाहिकाओं की ओर इशारा कर सकता है। इसी के साथ पाचन संबंधित परेशानी, एसिडिटी, गर्दन या जबड़े में हल्का दर्द भी शुरुआती चेतावनी हो सकता है।

शुरुआती हृदय संबंधी समस्याओं को नजरअंदाज करने के जोखिम 

आपको बता दें कि जब इन शुरुआती चेतावनी संकेतों को नजरअंदाज किया जाता है तो इनके परिणाम और भी गंभीर हो जाते हैं। हृदय वाहिकाओं में रुकावट और भी बढ़ जाती हैं जिस वजह से दिल का दौरा, स्ट्रोक, हृदय गति रुकना या फिर उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियां हो जाती हैं। इसी के साथ स्लीप एपनिया जैसी नींद की समस्याएं भी हृदय पर दबाव डालती हैं। 

कैसे करें बचाव 

हृदय को तंदुरुस्त बनाए रखने के लिए कुछ खास कठोर उपायों की जरूरत नहीं होती। बस आपको नियमित शारीरिक गतिविधि, संतुलित आहार, वजन प्रबंधन, तनाव में कमी, और पर्याप्त नींद लेनी होगी। इसके अलावा आपको धूम्रपान व अत्यधिक शराब से परहेज करना होगा। आपको बता दें की कम तेल और चीनी खाना, फलों, सब्जियों, मेवों और मछली का सेवन बढ़ाना और मात्रा को नियंत्रित रखना हृदय के कार्य में काफी ज्यादा सहायक होता है।

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