Adusa Medicinal Plant : राजस्थान के भरतपुर की पहाड़ियों में अडूसा नाम का औषधीय पौधा पाया जाता है जिसे स्थानीय लोग बसौड़ा कहते हैं। ग्रामीण लोग इसका प्रयोग घरेलू नुस्खे की तरह करते हैं। इसके अलावा आयुर्वेद में इसका प्रयोग औषधि बनाने के लिए किया जाता है। इस पौधे की विशेषता ये है कि पूरे पौधे के हर भाग जैसे तना, पत्ते, फूल व फल सभी का उपयोग औषधि निर्माण के लिए किया जाता है। दरअसल बसौड़ा दर्द व सूजन को बहुत प्रभावी तरीके से कम करता है। गांवों में लोग बसौड़ा के पत्तों पर हल्का सा तेल मिलाकर उन्हें दर्द या जकड़न वाली जगह पर रख देते हैं जिससे दर्द का असर कम होता है। इन्हीं पत्तों को जरा सा गरम कर फोड़े पर रखा जाए तो सूजन भी उतरने लगती है और संक्रमण जैसे पीछे हट जाता है। ग्रामीण लोगों के उपचार का ये महत्वपूर्ण जरिया है। सूजन व दर्द को कम करने में बसौड़ा बहुत उपयोगी होता है।
प्रकृति की अनमोल देन
ये उपयोगी पौधा शरीर की विभिन्न प्रकार की बीमारियों की रोकथाम तो करता ही है, इसकी विशेष बात ये है कि इसे उगाने के लिए कोई जतन नहीं करना होता। पहाड़ियों पर ये खुद ब खुद उग जाता है तथा बरसात के बाद ये चारों तरफ दिखाई देने लगता है। इसकी जबरदस्त औषधीय उपयोगिता को देखते हुए ग्रामीण लोग पारंपरिक रूप से इसका इस्तेमाल करते आ रहे हैं।
आपातकाल में उपयोगी
पहले के समय में जब दवाइयां सहजता से नहीं मिल पाती थीं तो बसौड़ा ही दर्द, सूजन व त्वचा संबंधी बीमारियों का कारगर साबित इलाज करता था। आज चिकित्सा के नए तरीके इजाद हो रहे हैं पर भरतपुर के ग्रामीण इलाकों में लोग बसौड़ा पर अपेक्षाकृत ज्यादा भरोसा करते हैं। भरतपुर की पहाड़ियों पर घूमते समय आप इस पौधे को देखकर अच्छी तरह पहचान लें और जान लें कि साधारण सी दिखने वाली ये झाड़ी वर्षों से लोगों का कारगर इलाज करती आ रही है।
यह भी पढ़ें...Sati Vegetable : भरतपुर की ये देसी सब्जी, बना देगी चट्टान जैसा मजबूत... जानिए साटी खाने के फायदे