Rajasthan Gwal Yojana 2025 : राजस्थान सरकार फिर से कुछ परंपराओं को सरकारी जामा पहना कर गांव के विकास के लिए कदम दर कदम बढ़ाते हुए अग्रसर है। इसी क्रम में अब राज्य सरकार राजस्थान में चरागाहों की परंपरा को शुरू करने की तैयारी कर रही है। गांवों की साफ सफाई और गायों की सुरक्षा व देखभाल के लिए पंचायतीराज विभाग द्वारा राज्य के गांवों में ग्वाल योजना शुरू होगी। इसके तहत प्रत्येक गांव में ग्वालों को तैयार किया जाएगा। ये ग्वाल इधर उधर घूमने वाली गायों तथा पशुपालकों की गायों को इकठ्ठा करके चराने ले जाया करेंगे। इस सराहनीय कदम से पशुओं को इधर-उधर खुला छोड़ देने की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जा सकेगी।
ग्वालों को दिया जाएगा पारिश्रमिक
पंचायती राज विभाग ने गांव ग्वाल योजना शुरू करने का फैसला किया है, इसलिए इन ग्वालों को ग्राम पंचायत उनके कार्य के लिए भुगतान करेगी। इस प्रकार हर गांव में गांव ग्वाल की तैनाती की तैयारी चल रही है। कोई भी पशुपालन स्वेच्छा से इस योजना में अपनी गाय चराने के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकता है।
कोटा जिले से होगी शुरुआत
गांव ग्वाल योजना का शुभारंभ सबसे पहले कोटा जिले के रामगंजमंडी क्षेत्र से होने की पूरी संभावना है। कि ये क्षेत्र राज्य के मंत्री मदन दिलावर का गृह क्षेत्र भी है। पंचायतीराज विभाग ने इसके पूर्व बर्तन बैंक योजना की शुरुआत भी इसी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले खैराबाद ग्राम पंचायत से की थी।
योजना से लाभ
इस योजना से गांवों में स्वच्छता को बल मिलेगा। इधर उधर गोबर होने से गलियों में होने वाली गंदगी से निजात मिलेगी। आवारा पशुओं द्वारा खेतों को पहुंचाए जाने वाले नुकसान की रोकथाम होगी व फसलें सुरक्षित रहेंगी। इधर-उधर घूमने वाले पशु आकस्मिक दुर्घटना के शिकार बनने से बचेंगे। बिना चरागाह के इधर-उधर घूमने वाली गायें अक्सर प्लास्टिक खा लेती हैं जिसकी वजह से उनकी मौत हो जाती है, इस योजना के चलते अब उसमें भी कमी आएगी।
बेसहारा पशुओं के लिए होगी संरक्षण की व्यवस्था
पंचायतीराज विभाग ने बेसहारा गायों के संरक्षण के लिए काऊ हाउस बनाने का भी फैसला किया है। इसमें बेसहारा गायों के लिए रात में ठहरने की उचित व्यवस्था होगी। इस तरह की गायों के पर्याप्त संरक्षण के लिए विभाग की तरफ से चरागाह ग्राम समितियों को उचित व्यवस्था करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।
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