Gas ID Mapping: बार-बार दिए गए निर्देशों और जागरूकता अभियानों के बावजूद भी डूंगरपुर जिले के हजारों परिवारों ने अभी तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर नहीं प्राप्त किए। आपको बता दें कि इसका कारण राशन कार्ड के साथ गैस कनेक्शन मैपिंग का काम पूरा न होना है। यह कदम 450 रुपए वाले सिलेंडर का लाभ पाने के लिए काफी ज्यादा जरूरी है।

क्या थी राज्य सरकार की घोषणा 

इंटरनेशनल राज्य सरकार ने कहा था कि एनएफएसए के तहत पंजीकृत परिवारों को ₹450 की सब्सिडी दर पर रसोई गैस सिलेंडर दिए जाएंगे। हालांकि यह लाभ सिर्फ तभी मिल पाएगा जब उपभोक्ता का कनेक्शन उनके राशन कार्ड के साथ डिजिटल रूप से मैप किया गया होगा। आपको बता दें कि जिले के लगभग 3 लाख पात्र परिवारों में से आधे से भी कम ने यह प्रक्रिया पूरी की है। 

क्यों है मैपिंग जरूरी 

खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने इस वजह से गैस कनेक्शन मैपिंग को अनिवार्य किया था ताकि केवल सत्यापित राष्ट्रीय खाद सुरक्षा योजना के लाभार्थी ही इस सब्सिडी का लाभ उठा पाए। इस मैपिंग की मदद से विभाग को कनेक्शन को प्रमाणित करने और उसके अनुसार सब्सिडी हस्तांतरित करने में मदद मिलती है। अधिकारियों को कहना है कि यदि जल्द ही मैपिंग नहीं कराई गई तो सिलेंडर सब्सिडी हमेशा के लिए बंद हो सकती है। 

मैपिंग के लिए आवश्यक दस्तावेज और प्रक्रिया

मैपिंग करने के लिए उपभोक्ता को अपना गैस कनेक्शन पासबुक, जिसमें 17 अंकों की एलपीजी आईडी होगी, के साथ अपने आधार कार्ड और राशन कार्ड को लाना होगा। अगर आपका आधार कार्ड नंबर मोबाइल से जुड़ा हुआ है तो ओटीपी प्रमाणीकरण के जरिए सीडिंग प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है। अगर मोबाइल नंबर अपडेट नहीं है तो फिंगरप्रिंट सत्यापन किया जाएगा। आपको पता नहीं की राशन की दुकान ऊपर पॉइंट ऑफ सेल मशीनों के जरिए मैपिंग की जा रही है। इसी के जरिए ही ई केवाईसी प्रक्रिया भी पूरी होती है। 

हाल ही के आंकड़ों के मुताबिक 125339 परिवारों में से आसपुर, सागवाड़ा, सीमलवाड़ा और चिखली ब्लॉक में सबसे ज्यादा लोग हैं जिन्होंने अभी तक एलपीजी कनेक्शन नहीं लिया है।

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