Atal Bhujal Yojana: राजस्थान भूजल की कमी से सामना कर रहा है। सरकारी हस्तक्षेप के बावजूद भी यह स्थिति सालों साल और भी खराब होती जा रही है। इसका कारण अत्यधिक दोहन और सीमित प्राकृतिक पुनर्भरण है। भूजल विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान भूजल परिदृश्य बेहद चिंताजनक है और राज्य में जल संसाधनों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए तुरंत ही कोई उपाय जरूरी है।
खतरे का अनुमान
आपको बता दें कि 2024 तक राजस्थान में केवल 38 ब्लॉक ही भूजल के लिए सुरक्षित श्रेणी में रह गए हैं। इतना ही नहीं बल्कि 215 से ज्यादा ब्लॉक अतिदोहित श्रेणी में आते हैं। अगर आसान शब्दों में कहें तो इन क्षेत्रों में भूजल का दोहन सहनीय सीमा को पूर्ण रूप से पार कर गया है। मिली जानकारी के मुताबिक राज्य में कुल भूजल दोहन 148% तक पहुंच चुका है। उत्तर के मुताबिक जयपुर अजमेर जैसलमेर जोधपुर कोटा और उदयपुर जैसे जिले अतिदोहित श्रेणी में वर्गीकृत किए गए हैं।
रिचार्ज शाफ्ट से होगी मदद
इस संकट से बचने के लिए भूजल विभाग द्वारा वर्षा जल संचयन के लिए एक स्थायी समाधान किया जा रहा है। दरअसल अब रिचार्ज शाफ्ट का निर्माण किया जाएगा। इससे वर्षा जल को भूमिगत करने, वाष्पीकरण से होने वाले नुकसान को रोकने और भूजल भंडार को वापस से भरने में काफी ज्यादा मदद मिलेगी।
आपको बता दें कि अब तक दस जिलों में 251 रिचार्ज शिफ्ट स्थापित किया जा चुके हैं। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि 17 जिलों में अटल भूजल के तहत और जिलों में कर्मभूमि योजना के तहत इस पहल का विस्तार भी किया जा रहा है।
जयपुर सबसे आगे अजमेर पीछे
आपको बता दें कि अटल भूजल योजना के तहत आने वाले जिलों में जयपुर में अब तक 142 रिचार्ज शाफ्ट लगाए गए हैं। यह पूरे राज्य में सबसे ज्यादा हैं। इसी के साथ अजमेर में भी 6 शाफ्ट लग चुके हैं। इसके अलावा भीलवाड़ा में 20, राजसमंद में 18, चित्तौड़गढ़ में 15, सीकर में 15 और झुंझुनू में 10 के साथ कार्य प्रगति पर चल रहा है।
हर रिचार्ज शाफ्ट 1 करोड़ लीटर तक पानी जमीन में पहुंचा सकता है। इन शाफ्ट को 8 इंच के बोरवेल पाइप और डेढ़ मीटर चौड़े ऊपरी घेरे से डिजाइन किया गया है। इन शाफ्ट की मदद से कंकड़, मिट्टी और मलवा फिल्टर हो जाता है और केवल स्वच्छ पानी ही रिस्ता है।
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