Rajasthan Food Scheme: राजस्थान में भ्रष्टाचार का बड़ा खुलासा हुआ है। खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जिन गरीब किसानों को हक मिलना चाहिए, उसका लाभ 2.47 एकड़ से ज्यादा जमीन वाले करीब 64 लाख जमींदार किसान भी उन योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, जिससे कि गरीबों को उसका अपना हक नहीं मिल पा रहा है। उन 64 लाख जमींदार किसानों में से 6 लाख से ज्यादा किसानों के नाम इस सूची से हटा दिए गए हैं।
गरीब किसानों का मारा गया हक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह खुलासा तब हुआ जब राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाले किसान सम्मान निधि के लिए रजिस्टर्ड किसानों का डेटा खंगाला गया। इससे यह सामने आया कि करीब 64 लाख जमींदार किसान, गरीबों के हक का गेहूं उठा रहे हैं। बताते चलें कि इसको लेकर 15 ऐसी श्रेणी बनाई गई थी, जिसमें आने वाले किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिलना चाहिए था।
जानें किन किसानों को नहीं मिलना था लाभ
इन श्रेणियों में पहला है, ऐसे किसान जिसका टर्नओवर 25 लाख से ज्यादा है, या वो कार मलिक हो, या 6 लाख से ज्यादा उसकी वार्षिक आय हो, इसके अलावा भी 12 ऐसी सूची है। बावजूद इसके नियमों की धज्जियां उड़ाई गई और उन किसानों को भी इसका लाभ पहुंचाया गया। सरकार के पास कई ऐसे शिकायत पहुंच रही थी, जिसमें बताया गया कि लाखों ऐसे जमींदार किसान हैं, जो अवैध तरीके से इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
खाद्य मंत्री खुद कर रहे थे मॉनिटरिंग
इसके बाद यह एक्शन लिया गया और जब डेटा खंगाला गया, तो सब कुछ उभर के सामने आ गया। सोचने वाली बात है कि राजस्थान के खाद्य मंत्री सुमित गोदारा, प्रमुख सचिव भवानी सिंह देथा के अलावा अतिरिक्त आयुक्त पूनम प्रसाद सागर इस योजना में आने वाले पात्रों को हटाने की मॉनिटरिंग कर रहे हैं, बावजूद इसके इतनी बड़ी गड़बड़ी सामने आई है।