Rajasthan Education: राजस्थान के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए कई नए बदलाव किए गए हैं। राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्कूली छात्रों के लिए नया फैसला किया है, जो कि आप सभी को जानना चाहिए। बताते चलें कि सरकारी स्कूलों में विद्यार्थी को अब टाई नहीं पहनने होंगे। इसके अलावा भी उन विद्यार्थियों के लिए और स्कूल के नियम कानून में भी कई बदलाव किए गए हैं। चलिए हम आपको सभी नए फैसले से एक-एक करके रूबरू कराते हैं।
राष्ट्रगान में उपस्थित होना अनिवार्य
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि राजस्थान के जितने भी सरकारी विद्यालय हैं, उन सभी कार्यालय में कर्मचारियों को राष्ट्रगान के साथ दिन की शुरुआत करनी होगी और राष्ट्रगीत के बाद ही स्टाफ स्कूल से जा सकेंगे। राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में उपस्थित रहने के लिए सभी को अनिवार्य रूप से कहा गया है और अगर कोई कर्मचारी राष्ट्रगान या फिर राष्ट्रगीत में हिस्सा नहीं लेते हैं, तो उसकी उस दिन की हाजिरी नहीं लगेगी।
कोटा से मदन दिलवर का बड़ा ऐलान
इसका मतलब साफ है कि अगर आपको किसी भी दिन अपनी उपस्थिति दर्ज करानी है, तो इसके लिए आपको राष्ट्रगान में सम्मिलित होना ही पड़ेगा। गौरतलब है कि मदन दिलावर ने आज यह ऐलान राजस्थान के कोटा में किया है। प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर बातचीत के दौरान मीडिया से रूबरू होते हुए मंत्री जी ने प्रदेश को संबोधित किया और कहा कि यह सारे नियम अगले सत्र के 1 अप्रैल से प्रारंभ होंगे।
स्टाफ मेंबर के होंगे आई कार्ड
उन्होंने स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के साथ-साथ स्कूल में पढ़ाने वाले टीचर्स और गैर शैक्षणिक स्टाफ के यूनिफॉर्म को लेकर भी बड़ा ऐलान किया गया है। अब सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में विद्यार्थियों की एक जैसी ड्रेस होगी, उसका एक जैसा कोड भी होगा, इसके अलावा ड्रेस कोड से टाई को हटा दिया गया है, जबकि स्कूल में जितने भी काम करने वाले स्टाफ हैं। उन सभी को आई कार्ड भी मिलेगा, ताकि उसकी अपनी एक पहचान हो सके कि वह उसे स्कूल में क्या व्यवस्था देखते हैं।
स्कूल नहीं आने पर अभिभावकों को दी जाएगी जानकारी
शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूल शिक्षा, संस्कृत शिक्षा और पंचायत राज विभाग के सभी कार्यालय में राष्ट्रगान के साथी कार्यालय खुलेंगे और राष्ट्रगीत होने के बाद ही कार्यालय बंद होंगे। मंत्री जी ने कहा कि स्कूल में जितने भी बच्चों के पेरेंट्स आते हैं, उन्हें इसकी जानकारी दे दी जाए। डेली बेसिस पर माता-पिता को यह भी पता होना चाहिए कि उनका बच्चा स्कूल पहुंचा या फिर नहीं। देखने वाली बात होगी कि मंत्री जी की फैसले को तमम सरकारी विद्यालयों में सुचारू रूप से पालन किया जाता है या फिर नहीं।