IIT Jodhpur: आईआईटी जोधपुर ने जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है। यहां कुछ ऐसे डेवलपिंग इनोवेशन सॉल्यूशंस विकसित किए गए हैं उनकी मदद से तीन महत्वपूर्ण क्षेत्र सड़क सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा और भूमि अभिलेख संरक्षण में आम नागरिकों को काफी ज्यादा मदद मिलेगी। इस आधुनिक शोध का नेतृत्व कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियर विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर देवाशीष दास और उनकी समर्पित टीम कर रही है।
बेहतर यातायात प्रबंधन और सड़क सुरक्षा
इस सफलता का एक सबसे बड़ा व्यवहारिक अनुप्रयोग यातायात प्रबंधन और सड़क का सुरक्षा में सकारात्मक बदलाव लाना है। जेनरेटिव एआई का फायदा उठाते हुए इस प्रणाली के जरिए अब यातायात के पैटर्न और संभावित दुर्घटना स्थलों का अनुमान लगाया जा सकता है। वास्तविक समय के आंकड़ों और पिछले यातायात व्यवहारों का विश्लेषण करके यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सुचारू यातायात प्रबंधन, जाम की रोकथाम और दुर्घटना के जोखिम को कम करने में मदद करेगी। इस तकनीक की मदद से दुर्घटना का जोखिम तो काम होगा ही साथ ही समय और ईंधन की भी बचत होगी।
स्वास्थ्य सेवा में क्रांति
स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में इस शोध को मुख्यरूप से मस्तिष्क और तंत्रिका संबंधी रोगों पर केंद्रित किया गया है। टीम द्वारा ऐसे पहनने योग्य उपकरण डिजाइन किए गए हैं जो वास्तविक समय में मस्तिष्क गतिविधियों के निगरानी कर सकते हैं। आपको बता दें कि इन उपकरणों की मदद से मिर्गी के दौरे जैसी गंभीर स्थितियों के शुरुआती लक्षण पता लगा सकते हैं। इसके बाद समय पर चिकित्सा सहायता संभव हो पाएगी। जेनरेशनल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शक्ति से जटिल चिकित्सा डाटा को तुरंत ही विश्लेषित किया जा सकता है।
एआई और ब्लॉकचेन को इस्तेमाल करके सुरक्षित भूमि रिकॉर्ड प्रणाली
दरअसल लंबे समय से निकली भूमि रिकॉर्ड और संपत्ति विवादों की समस्या चलते आ रही है। इसी का निवारण करते हुए आईआईटी जोधपुर की टीम ने एक सुरक्षित प्लेटफार्म को विकसित किया है। इस प्रणाली की मदद से यह सुनिश्चित होता है की भूमि रिकॉर्ड छेड़छाड़ रहित, पारदर्शी और आसानी से सत्यापन योग्य रहें।
संवेदनशील डाटा को डिजिटल और सुरक्षित करके इस प्लेटफार्म के जरिए सरकारी प्रक्रियाएं सरल बनती हैं, भ्रष्टाचार कम होता है और साथ ही भूमि पंजीकरण प्रणाली में नागरिकों का विश्वास भी मजबूत होता है।