Bapu Charkha: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के दौरे पर हैं। जहां उन्हें मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उपसा कला का नायाब तोहफा भेंट किया। जिसकी तस्वीर भी खूब वायरल हो रही है। यह एक ऐतिहासिक और अनोखा तोहफा है बापू का सोने से जड़ा चरखा। यह न सिर्फ महात्मा गांधी की याद दिला रहा बल्कि यह राजस्थान की पारंपरिक उपसा कला का भी नमूना है। ऐसे में आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से…
क्या है ये स्वर्ण जड़ित चरखा?
ये चरखा महात्मा गांधी के ऐतिहासिक क्रांतिकारी को दिखता है। साथ ही इसमें राजस्थान की समृध्दता और यहां की कला को भी दिखाता है। पीएम मोदी ने 2021 के ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के उद्घाटन के दौरान साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी के चरखे को याद किया था और स्वदेशी और आत्मनिर्भरता को बढ़ाने की बात कही थी। 
चरखे का ऐतिहासिक महत्व
जब चरखे की बात आती है तो सबसे पहला नाम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का आता है। दरअसल, चरखा गांधी के स्वतंत्रता संग्राम और स्वदेशी आंदोलन का एक शक्तिशाली प्रतीक रहा है। गांधी जी ने इसे चरखे को आत्मनिर्भरता और खासकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का एक सशक्त माध्यम बनाया था।
राजस्थान की उपसा कला
राजस्थान की उपसा कला विश्व प्रसिध्द है। इसे उस्ता कला भी कहा जाता है। यह एक प्राचीन और विशिष्ट हस्तकला का नामूना है। राजस्थान के इस कल में मुख्यतः ऊंट की हड्डी, लकड़ी या धातु पर सोने और चांदी की परत चढ़ाई जाती है। बता दें ये कला मुगलकाल के समय से चली आ रही है। ये कला मुख्यतः राजस्थान के बीकानेर में विशेष रूप से प्रसिध्द है। इसमें कारीगर बेहद बारीकी से काम करता है। इस कला को प्रदेश की अनमोल कृति मानी जाती है।